पलामू : झारखंड के पलामू जिले के मेदिनीनगर में शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) बिल 2025 के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नूरी मस्जिद से विरोध जुलूस निकाला। यह प्रदर्शन अंजुमन इस्लाहुल मुसलमिन कमिटी पलामू और मोहर्रम इंतेजामिया कमिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर समाहरणालय तक मार्च किया और उपायुक्त को संबोधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें वक्फ बिल को अविलंब वापस लेने की मांग की गई।
वक्फ संशोधन बिल 2025 के प्रमुख प्रावधान
वक्फ संशोधन बिल 2025, जिसे 3 अप्रैल 2025 को लोकसभा और 4 अप्रैल 2025 को राज्यसभा से पारित किया गया, भारतीय मुसलमानों के धार्मिक संस्थानों की प्रबंधन व्यवस्था में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाता है। इसमें वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति, जिला कलेक्टरों को वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व का निर्धारण करने का अधिकार, और वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की प्रक्रिया शामिल है। विरोधियों का कहना है कि यह विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और मुसलमानों के मौलिक अधिकारों को प्रभावित करता है।
पलामू में विरोध प्रदर्शन का विस्तार
नूरी मस्जिद से शुरू हुआ यह जुलूस मदीना मस्जिद, लाल कोठी, छोटी मस्जिद, सतार सेठ चौक, अस्पताल चौक होते हुए छहमुहान तक पहुंचा। प्रदर्शनकारियों ने “वक्फ बिल वापस लो” और “धार्मिक स्वतंत्रता बचाओ” जैसे नारे लगाए। ज्ञापन में कहा गया है कि यह विधेयक संविधान के तहत मुसलमानों को मिली धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
जुलूस व प्रदर्शन में ये थे शामिल
प्रदर्शन में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी, जिशान खान, मुस्तफा कमाल, इसराइल आजाद, आशिफ राइन, राजा असरफ, बिट्टू राइन, शाहीद खां, जाहीद खां, मो. चांद, विक्की राइन, माहताब नूरी, मुन्ना खान, अनवर अंसारी, सन्नू सिद्दीकी, हाजी ललन, नसीम हैदर, साहबाज आलम समेत अन्य नेता समेत कई लोग शामिल थे।