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Babadham Temple : बाबाधाम मंदिर के गर्भगृह में निर्माण कार्य पर पंडा समाज ने जताई आपत्ति, DC ने शुरू की जांच

by Rakesh Pandey
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देवघर : बाबाधाम मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग के बगल में चल रहे निर्माण कार्य को लेकर पंडा धर्म रक्षिणी सभा ने कड़ी आपत्ति जताई है। पंडा समाज ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन मंदिर में पौराणिक और परंपरागत नियमों का उल्लंघन कर निर्माण कार्य करवा रहा है, जो कि श्रद्धालुओं की आस्था को प्रभावित कर सकता है।

पंडा धर्म रक्षिणी सभा के सदस्य चंद्र शेखर खवाड़े ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में बिना सही प्रक्रिया के हो रहे कार्य से श्रद्धालुओं के विश्वास को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने इस कार्य की घोर निंदा की और राज्य सरकार से मामले का संज्ञान लेने की मांग की। उनका कहना था कि मंदिर के पवित्र स्थल पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने से पहले पंरपरागत विधियों और नियमों का पालन करना चाहिए था।

मामले में प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस पर देवघर के उपायुक्त विशाल सागर ने स्थिति का संज्ञान लिया और ट्वीट के माध्यम से कहा कि जैसे ही उन्हें मंदिर के गर्भगृह में निर्माण कार्य की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत मंदिर प्रभारी को जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि बिना उचित अनुमति के कार्य किया जा रहा है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नियमों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रक्रिया का उल्लंघन

मंदिर के गर्भगृह में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने से पहले श्राइन बोर्ड और जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों से अनुमति प्राप्त करनी होती है। इस नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति या विभाग को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। पंडा समाज ने इस प्रक्रिया के उल्लंघन का आरोप जिला प्रशासन पर लगाया है, और उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस मामले में उचित कदम उठाए जाएंगे।

पंडा समाज का पक्ष

पंडा समाज का मानना है कि मंदिर जैसे पवित्र स्थल पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य श्रद्धालुओं की भावनाओं से जुड़ा हुआ होता है। यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का बहुत महत्व है, और इस पर किसी भी तरह का अनावश्यक हस्तक्षेप आस्था के लिए नुकसानदेह हो सकता है। पंडा समाज ने कहा कि अगर प्रशासन ने बिना उचित अनुमति के इस कार्य को शुरू किया है, तो यह विश्वासघात है और इसका विरोध किया जाना चाहिए।

उम्मीदें और प्रशासन की जिम्मेदारी

पंडा धर्म रक्षिणी सभा ने राज्य के मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों से इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करने की अपील की है। समाज का कहना है कि बाबाधाम मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन पूजा अर्चना के लिए आते हैं। इस पवित्र स्थल पर किसी भी प्रकार की असंवेदनशीलता आस्था के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।

इसके साथ ही, जिला प्रशासन पर भी यह जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि मंदिर में किसी भी तरह का कार्य पारंपरिक नियमों और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए किया जाए। प्रशासन के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है, और उन्हें इस मामले में त्वरित और उचित कार्रवाई करनी होगी ताकि श्रद्धालुओं के विश्वास को बनाए रखा जा सके।

बाबाधाम मंदिर के गर्भगृह में हो रहे निर्माण कार्य को लेकर पंडा धर्म रक्षिणी सभा की आपत्ति का मामला प्रशासन के सामने आ चुका है। उपायुक्त विशाल सागर ने जांच के निर्देश दिए हैं, और यह उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन जल्द ही इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा। पंडा समाज की चिंताएं सही हैं, क्योंकि यह धार्मिक स्थल लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है और यहां किसी भी प्रकार का बदलाव बिना उचित अनुमति के नहीं होना चाहिए।

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