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Waqf Amendment Bill : वक्फ संशोधन विधेयक को JPC की मंजूरी, सत्ता पक्ष के 14 संशोधन पारित, विपक्ष के प्रस्ताव खारिज

वोटिंग में 16 सांसदों ने सत्ता पक्ष के संशोधनों का समर्थन किया, जबकि विपक्ष के 10 सांसदों ने इसके विरोध में वोट डाला

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर सोमवार को आयोजित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस बैठक में कुल 44 संशोधनों पर चर्चा की गई, जिसमें सत्ता पक्ष के 14 संशोधनों को मंजूरी दी गई, जबकि विपक्ष के सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया। यह विधेयक अब संसद की अंतिम मंजूरी के करीब पहुंच चुका है।

बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल, जो जेपीसी की अध्यक्षता कर रहे थे, ने बताया कि एनडीए सांसदों द्वारा पेश किए गए 14 संशोधन प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया गया। वहीं, विपक्ष की ओर से पेश किए गए सभी संशोधनों को पूरी तरह से नकार दिया गया। समिति ने इस संबंध में एक प्रमुख संशोधन प्रस्ताव पारित किया, जिसके तहत यह तय किया गया कि ‘वक्फ बाय यूजर’ के आधार पर मौजूदा वक्फ संपत्तियों पर सवाल नहीं उठाए जा सकते।

वोटिंग में सत्ता पक्ष की जीत:

संसदीय समिति की बैठक में हुई वोटिंग में 16 सांसदों ने सत्ता पक्ष के संशोधनों का समर्थन किया, जबकि विपक्ष के 10 सांसदों ने इसके विरोध में वोट डाला। इस निर्णय के बाद विपक्ष के संशोधनों में आपत्ति जताने के बावजूद, बिल के 44 क्लॉजों को मंजूरी दी गई। विपक्ष ने इन संशोधनों को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कड़ी आलोचना की थी, लेकिन इन आपत्तियों को समिति ने खारिज कर दिया।

विधेयक पर विवाद और विपक्ष की प्रतिक्रिया:

यह विधेयक पहले से ही विवादों का केंद्र बना हुआ है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस विधेयक के जरिए मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों पर हमला किया जा रहा है। उनका आरोप है कि प्रस्तावित संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता की आड़ में मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित कर रहे हैं। वहीं, सत्तारूढ़ बीजेपी का कहना है कि ये संशोधन वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार लाएंगे और उन्हें अधिक जवाबदेह बनाएंगे, जिससे वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग किया जा सके।

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि समिति ने विपक्ष को बोलने का मौका तक नहीं दिया और किसी भी प्रकार की प्रक्रिया या नियमों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया पहले से तय थी और विपक्ष को दरकिनार कर दिया गया।

आगे की प्रक्रिया

जेपीसी के अनुसार, इस बैठक में जो मसौदा रिपोर्ट तैयार की गई है, उसे 28 जनवरी को सर्कुलेट किया जाएगा। इसके बाद 29 जनवरी को इसे आधिकारिक रूप से अडॉप्ट किया जाएगा, जो विधेयक के पारित होने की दिशा में एक और कदम होगा। यह विधेयक संसद में चर्चा के बाद अंतिम रूप से पारित होगा, लेकिन इस पर विपक्ष का विरोध अब भी जारी रहेगा।

विधेयक का उद्देश्य

वक्फ संशोधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना और वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना है। सत्तारूढ़ बीजेपी का मानना है कि इस विधेयक के जरिए वक्फ बोर्ड की जवाबदेही बढ़ेगी और वक्फ संपत्तियों का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा, जबकि विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है।

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जारी विवाद और जेपीसी की बैठक में पारित संशोधनों को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है। अब यह विधेयक अंतिम रूप से संसद में पेश होगा, जहां इसके पारित होने या न होने का निर्णय लिया जाएगा। इस बीच, विपक्ष की ओर से विधेयक के विरोध और सरकार की ओर से इसकी अहमियत को लेकर बयान जारी किए जा रहे हैं, जो यह स्पष्ट करते हैं कि इस विधेयक को लेकर आगे भी राजनीतिक और धार्मिक विवाद बढ़ सकते हैं।

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