रामगढ़: पंजाब रेजिमेंटल सेंटर के किलाहरी ग्राउंड में मंगलवार को 5वें बैच की पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया, जिसमें 622 अग्निवीर सैनिकों ने अंतिम पग रखते हुए भारतीय सेना का हिस्सा बनने का गौरव प्राप्त किया। यह परेड 31 सप्ताह की कठिन शारीरिक, मानसिक व तकनीकी प्रशिक्षण के समापन के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी। परेड की समीक्षा कमांडेंट ब्रिगेडियर साजेश बाबू पी.जी. ने की।
देश की सेवा में तैयार हुए 622 अग्निवीर
अग्निवीर सैनिकों ने भारतीय संविधान और राष्ट्र के प्रति पूर्ण निष्ठा की शपथ ली। वे अब विभिन्न सैन्य यूनिटों में तैनात होकर देश की सेवा करेंगे। पंजाब रेजिमेंटल सेंटर, रामगढ़ का इतिहास वीरता और बलिदान से भरा रहा है और यह सेंटर भारतीय सेना की सबसे गौरवशाली इकाइयों में से एक माना जाता है।
तकनीकी और आधुनिक ट्रेनिंग का समावेश
कमांडेंट ब्रिगेडियर साजेश बाबू पी.जी. ने जानकारी दी कि इन अग्निवीर सैनिकों को आधुनिक हथियारों, तकनीकी उपकरणों, कंप्यूटर प्रशिक्षण और व्यक्तित्व विकास जैसे विषयों पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया। बदलते समय और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों की आवश्यकताओं को देखते हुए प्रशिक्षण में आवश्यक संशोधन भी किए गए हैं।
परिवारों में गर्व का माहौल, गौरव पदक से सम्मान
इस अवसर पर अग्निवीरों के परिवारों को भी आमंत्रित किया गया था। रिटायर्ड सूबेदार राजीव कुमार, जिनके पुत्र पंच परिहार भी अग्निवीर बने, ने कहा कि उनकी चौथी पीढ़ी भारतीय सेना की सेवा के लिए तैयार है। सभी अभिभावकों को ‘गौरव पदक’ देकर सम्मानित किया गया।
अग्निवीरों की भावनाएं और संकल्प
हिमाचल प्रदेश से आए अग्निवीर आर्यन शर्मा ने कहा कि यह उनके जीवन का सबसे गौरवशाली क्षण है। उन्होंने देश की सेवा करने का संकल्प लिया और कहा कि वे भारतीय सेना का नाम रोशन करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।
प्रशिक्षण स्टाफ का सराहनीय योगदान
कमांडेंट ने इस सफल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए इंस्ट्रक्टर्स और प्रशिक्षण स्टाफ की सराहना की, जिन्होंने इन युवाओं को जिम्मेदार और तकनीकी रूप से सक्षम सैनिक के रूप में तैयार किया।