जमशेदपुर : इस वर्ष 30 अप्रैल को पड़ रही अक्षय तृतीया के मौके पर बाजारों में सोने की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिला है। बावजूद इसके, लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है। बाजारों में ग्राहकों की भीड़ बढ़ रही है और पहले से ही सोने की एडवांस बुकिंग कराई जा रही है। विशेषज्ञों और ज्वेलरी कारोबारियों के मुताबिक, गोल्ड की कीमत 1 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने के बाद भी बिक्री में तेजी देखने को मिल रही है।
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना क्यों माना जाता है शुभ?
सोना न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से बल्कि संस्कृति और परंपरा में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आज तक, सोना मूल्यवान वस्तु और लेन-देन के माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। अक्षय तृतीया के दिन धन, वैभव और समृद्धि का प्रतीक माने जाने वाले सोने की खरीद को अत्यंत शुभ माना जाता है।
इतिहास में सोने की भूमिका और बदलता एक्सचेंज सिस्टम
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूएस डॉलर और सोना को बराबर माना गया था — 1 औंस सोना = 35 डॉलर।
1971 में अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस प्रणाली को समाप्त कर सोने और मुद्रा के बीच संबंध खत्म किया।
इसके बाद वैश्विक स्तर पर सोना स्वतंत्र रूप से मूल्यवान वस्तु के रूप में पहचाना जाने लगा।
भारत में कहां-कहां पाया जाता है सोना?
भारत में करीब 30 गोल्ड माइंस हैं लेकिन केवल 5 से 20 टन सालाना उत्पादन ही होता है।
सिंहभूम (झारखंड), छत्तीसगढ़, और स्वर्णरेखा नदी के आसपास के इलाकों में सोना पाया जाता है।
राखा माइंस (बायप्रोडक्ट कॉपर) और हट्टी गोल्ड माइंस (कर्नाटक) प्रमुख स्रोत हैं।
भारत में सोने की खपत और वैश्विक स्थिति
भारत में सालाना 800 से 900 टन सोने की खपत होती है। विश्व स्तर पर टॉप 10 गोल्ड कंज्यूमिंग देशों में भारत शामिल है।