धनबाद: जिले में पेट डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इसी बीच एंटी रैबीज वैक्सीन (ARV) की भारी कमी लोगों की चिंता बढ़ा रही है। सदर अस्पताल, सभी सीएचसी और पीएचसी में वैक्सीन समाप्त हो चुकी है, जिससे मरीजों का भारी दबाव एसएनएमएमसीएच के एआरवी सेंटर पर आ गया है।
एआरवी सेंटर में पहुंच रहे हैं अधिकतर पेट डॉग बाइट के केस
एसएनएमएमसीएच एआरवी सेंटर के फार्मासिस्ट कुमार अभिमन्यु ने बताया कि इन दिनों पालतू कुत्तों द्वारा काटे जाने के केस अधिक आ रहे हैं। बिस्कुट खिलाते समय या खेलते वक्त भी कुत्ते परिवार के सदस्यों को काट लेते हैं। रोजाना औसतन 150 से 200 मरीज आ रहे हैं, जिनमें 40-50 नए मरीज होते हैं।
ग्रामीण इलाकों से अधिक मरीज
धनबाद जिले के ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों से मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। सदर अस्पताल, कतरास, बाघमारा, निरसा जैसे इलाकों के लोग एआरवी सेंटर का रुख कर रहे हैं। अन्य अस्पतालों में वैक्सीन नहीं होने से एसएनएमएमसीएच पर दबाव कई गुना बढ़ गया है।
खौफजदा लोगों ने सुनाई आपबीती
पालतू कुत्ते के काट लिए जाने के बाद अपना इलाज कर रहे हीरापुर के निवासी रघुनाथ राय ने बताया कि गेट बंद करते समय उनके अपने पालतू कुत्ते ने ही काट लिया। शायद उसे लगा कि वे बाहर जा रहे हैं। वहीं कतरास निवासी रवि चंद्रा बताते हैं कि वे दूध लेने के लिए निकले थे। रास्ते में एक पालतू कुत्ते ने काट लिया।
वैक्सीन की कमी के पीछे बजट संकट
धनबाद के सिविल सर्जन डॉ. सीवी प्रतापन ने जानकारी दी कि अब तक फंड नहीं मिला है। जैसे ही फंड जारी होगा, जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी में एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी।