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दार्शनिक स्लावोज जिजेक का भगवद गीता पर विवादित बयान, कहा-गीता ‘सबसे अश्लील और घृणित पवित्र पुस्तक

by Rakesh Pandey
दार्शनिक स्लावोज जिजेक का भगवद गीता पर विवादित बयान
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स्पेशल डेस्क। प्रसिद्ध स्लोवेनियाई दार्शनिक और सांस्कृतिक सिद्धांतकार स्लावोज जिजेक ने हाल ही में भगवद गीता के बारे में एक विवादित बयान दे दिया है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। हिंदू धर्म में गीता की बहुत मान्यता है। ऐसे में स्लावोज जिजेक के कह दिया कहा कि गीता “सबसे अश्लील और घृणित पवित्र पुस्तक” है। जिजेक के विवादित बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा जाहिर हो रहा है।

यूजर ने लिखा, यह उन सभी हिंदुओं के लिए ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, जो गांधी, थोरो, विवेकानंद और अनगिनत अन्य लोगों से प्यार करते हैं। यह पश्चिम की बौद्धिक यातना है। वे हमारे ग्रंथों को लेते हैं, उन्हें किसी भी मान्यता से परे क्रूर और हेरफेर करते हैं, हमारे पवित्र प्रतीकों का उपयोग करके अपने अपराधों को छिपाते हैं। जिजेक ने फिल्म ओपेनहाइमर के दृश्य का उदाहरण बताते हुए भी गीता पर टिप्पणी की है। वहीं, स्लावोज जिजेक ने दावा किया कि जर्मनी के नाजी राजनेता हेनरिक हिमलर ने यहूदियों पर नरसंहार को उचित ठहराने के लिए भगवद गीता का इस्तेमाल किया था।

हिंदुओं के लिए गीता क्यों है खास
श्रीमद्भागवत गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जो सभी महत्वपूर्ण है। महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे, वही गीता है। गीता में आत्मा, परमात्मा, भक्ति, कर्म, जीवन आदि का वृहद रूप से वर्णन किया गया है। वैसे तो गीता का उपदेश दौपर युग में महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र के मैदान में श्री कृष्ण ने अर्जुन को सुनाया था और वहीं से गीता का प्रसार शुरू हुआ, लेकिन इससे पहले गीता का उपदेश करोड़ों वर्ष पहले भगवान विष्णु ने सूर्य को सुनाया था।

सूर्य ने अविश्वान मनु से कहा महाराज मनु ने अपनी पुत्री सुवाकु से कहा और सुवाकु से राज्य ऋषियों ने जाना, इस तरह यह राज्य ऋषियों परंपरा में चलता रहा और दीर्घ काल में यह इसी पृथ्वी में विलुप्त होता रहा। तत्पश्चात द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने इसे अर्जुन को सुनाया और आज यह हमारे लिए किताबों के रूप में प्रस्तुत है। गीता से हमें यह ज्ञान मिलता है कि व्यक्ति को केवल अपने काम और कर्म पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही कर्म करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जो भी कर्म कर रहे हैं, उसका फल भी हमें निश्चित ही प्राप्त होगा।

ओपेनहाइमर की चर्चा करते हुए जिजेक ने कही ये बात
जिजेक ने गीता की आलोचना के दौरान हाल ही में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म “ओपेनहाइमर” के एक दृश्य का भी जिक्र किया। उस सीन में यौन क्रिया के दौरान एक्टर को गीता पढ़ते दिखाया गया है। इस पर काफी बवाल हुआ था और हिंदू धर्म का अपमान कहा जा रहा था। हालांकि, इस सीन पर किसी तरह का कोई रोक नहीं लगाया गया, लेकिन लोगों का मानना है कि भगवद गीता का अपमान किया गया है और लोगों को ठेस पहुंची है।

दार्शनिक स्लावोज जिजेक का भगवद गीता पर विवादित बयान

इस विवादित सीन पर जिजेक ने कहा, “आपको याद है फिल्म में ओपेनहाइमर के चलते भारत में विवाद हुआ था। आप जानते हैं क्यों? क्योंकि, जब फ्लोरेंस पुघ और ओपेनहाइमर पहली बार प्यार करते हैं तो मुझे लगता है कि वह उससे भगवद गीता पढ़ने के लिए कहती है। इस सीन को लेकर भारतीयों का गुस्सा फूट पड़ा था। ‘गंदा, यौन कृत्य…इत्यादि.. आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?’मैं भारतीयों से सहमत हूं, लेकिन विपरीत अर्थ में। एक सुंदर यौन कृत्य और वे इसे सबसे अश्लील, घृणित पवित्र पुस्तकों में से एक का हिस्सा पढ़कर बर्बाद कर देते हैं।“

जिजेक ने दावा किया कि नाजी नेता हेनरिक हिमलर भगवद गीता पुस्तक को हर समय अपनी जेब में रखते थे। क्योंकि यह उनका उत्तर था कि यहूदियों को कैसे मारा जाए। हिमलर की उनकी नैतिक समस्या थी। हां, हम भयानक काम कर रहे हैं, यहूदी बच्चों और अन्य लोगों को मार रहे हैं। हम खुद जानवर बने बिना ऐसा कैसे कर सकते हैं? उनका जवाब था भगवद गीता।

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