सेंट्रल डेस्क: भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक के जरिए ध्वस्त कर दिया। इस जवाबी कार्रवाई के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी साझा की।
राष्ट्रपति भवन पहुंचे पीएम मोदी, जताया गौरव का भाव
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन पहुंचे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ऑपरेशन सिंदूर की पूरी रिपोर्टिंग की। इस दौरान उनकी तस्वीरें सामने आईं, जिसमें पीएम मोदी के चेहरे पर गर्व और संतोष का भाव स्पष्ट रूप से नजर आया। पीएम मोदी ने इस सैन्य कार्रवाई को न्याय और कर्तव्य की सिद्धि बताया।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठी थी। जवाब में मंगलवार की रात भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने एक संयुक्त अभियान चलाकर आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया।
भारत का आधिकारिक बयान
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में उन आतंकी ढांचों को निशाना बनाया, जहां से भारत पर हमले की साजिश रची गई थी। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। ऑपरेशन में संयम और सटीकता बरती गई।”
किन हथियारों का हुआ इस्तेमाल?
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में ‘स्टैंड-ऑफ’ हथियार, ड्रोन, स्मार्ट गोला-बारूद और गाइडेड मिसाइलों का इस्तेमाल किया। प्रमुख हमले मुरीदके, बहावलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद, सियालकोट और बरनाला जैसे आतंकी गढ़ों पर किए गए।
ऑपरेशन को नाम ‘सिंदूर’ क्यों मिला?
इस सैन्य अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जो भारतीय महिलाओं के वैवाहिक जीवन के प्रतीक सिंदूर से प्रेरित है। यह नाम उन वीरांगनाओं के सम्मान में रखा गया, जिन्होंने इस हमले में अपने पति को खोया। यह भारत की ओर से सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव को भी प्रदर्शित करता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने दी जानकारी
ऑपरेशन के बाद भारत ने अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई जैसे प्रमुख देशों को इस कार्रवाई की जानकारी दी। यह कदम कूटनीतिक पारदर्शिता और वैश्विक समर्थन सुनिश्चित करने की रणनीति का हिस्सा है।