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PM Modi ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को जयंती पर दी श्रद्धांजलि, कहा- ‘सामाजिक न्याय के सपने को साकार कर रहा है देश’

डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पकार माने जाते हैं। उन्होंने जीवन भर समाज में समानता, दलितों के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली : भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने के लिए उनके आदर्शों से प्रेरणा ले रहा है। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए अपने संदेश में कहा कि अंबेडकर के सिद्धांत और विचार ‘आत्मनिर्भर भारत’ और विकसित भारत के निर्माण को सशक्त बनाएंगे और गति प्रदान करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। वह एक महान चिंतक, समाज सुधारक और राष्ट्र निर्माता थे। उनके विचार और सिद्धांत देश को आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ाने में निरंतर प्रेरणा देते रहेंगे’।

संसद भवन में अंबेडकर को दी गई श्रद्धांजलि

बाबासाहेब अंबेडकर की 133वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई गणमान्य नेताओं ने संसद भवन परिसर में अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

संविधान निर्माता और दलितों के सशक्तीकरण के प्रतीक

डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पकार माने जाते हैं। उन्होंने जीवन भर समाज में समानता, दलितों के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया। 14 अप्रैल, 1891 को एक दलित परिवार में जन्मे अंबेडकर ने अत्यंत विषम परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की और कोलंबिया विश्वविद्यालय व लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से उच्च शिक्षा प्राप्त की।

डॉ. अंबेडकर के विचारों की आज भी प्रासंगिकता

डॉ. अंबेडकर के विचार आज भी भारतीय समाज में समानता, शिक्षा और सामाजिक सुधार के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उन्होंने जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करते हुए समतामूलक समाज की स्थापना का आह्वान किया। सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास’ जैसे अभियानों में अंबेडकर के विचारों की झलक साफ देखी जा सकती है।

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