पलामू : मनातू थाना क्षेत्र के जसपुर होटवार जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के शीर्ष नक्सलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस कार्रवाई में सबसे बड़ा नाम शशिकांत गंझू का है, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित है। साथ ही 5 लाख के इनामी मुखदेव यादव, नगीना, गौतम, शंभु सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक अज्ञात नक्सलियों को भी आरोपी बनाया गया है।
टीएसपीसी के खिलाफ सर्च ऑपरेशन में मुठभेड़
पलामू पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि टीएसपीसी के टॉप कमांडर शशिकांत गंझू क्षेत्र में किसी बड़ी नक्सली घटना की साजिश रच रहा है। इसी आधार पर एक व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से गोलीबारी हुई और पुलिस ने मौके से AK-47 की गोली और अन्य नक्सली सामग्री जब्त की।
एफआईआर में गंभीर धाराएं, पुलिस टीम पर हमले का मामला
मनातू थाना प्रभारी निर्मल उरांव के आवेदन पर टीएसपीसी के नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि नक्सलियों ने पुलिस टीम पर हमला किया और सुरक्षाबलों की जान को खतरे में डाला।
सर्च ऑपरेशन में शामिल रही पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम
इस नक्सल विरोधी अभियान में वरिष्ठ अधिकारी एएसपी अभियान राकेश कुमार सिंह, हुसैनाबाद एसडीपीओ मोहम्मद याकूब, डीएसपी राजेश यादव, मनातू थाना प्रभारी निर्मल उरांव, छत्तरपुर थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद, नावाबाजार थाना प्रभारी संजय कुमार यादव, सब इंस्पेक्टर अंकित कुमार, रंजीत कुमार, अनीश राज समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे। इस सर्च ऑपरेशन में झारखंड जगुआर की विशेष टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एसपी रीष्मा रमेशन ने दी जानकारी
पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि टीएसपीसी के टॉप कमांडर शशिकांत गंझू के खिलाफ सर्च अभियान शुरू किया गया था। इसी सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ की घटना हुई। पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।”
नक्सल विरोधी अभियान को लेकर बढ़ाई गई सतर्कता
टीएसपीसी की गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियां और पुलिस लगातार नजर बनाए हुए हैं। मुठभेड़ के बाद से क्षेत्र में गश्त और निगरानी तेज कर दी गई है। झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों में यह कार्रवाई एक अहम मोड़ मानी जा रही है।