पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी गाड़ी को लेकर एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। इस गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अगस्त 2024 में समाप्त हो गया था, लेकिन इसके बावजूद यह गाड़ी सड़कों पर चल रही थी। इस पर कार्रवाई हुई और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट को दुरुस्त किया गया, लेकिन जुर्माना अब भी लंबित है। यह घटना तब सामने आई जब मुख्यमंत्री रोहतास जिले के करगहर प्रखंड स्थित कुसही बेतिया गांव में डीएम दिनेश कुमार राय के पिता की पुण्यतिथि में शामिल होने पहुंचे।
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की समाप्ति के बावजूद गाड़ी का चलना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी गाड़ी, जिसका नंबर BR01CL है, 2 अगस्त 2024 से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के बिना सड़कों पर दौड़ रही थी। यह जानकारी मीडिया में आने के बाद सरकार हरकत में आई और गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट तुरंत दुरुस्त करवा दिया गया। हालांकि, सवाल यह उठता है कि जब राज्य के मुखिया का वाहन ही नियमों का पालन नहीं कर रहा है, तो बाकी नागरिकों से उम्मीद कैसे की जा सकती है?
पहले भी हुआ था जुर्माना, लेकिन जुर्माना अभी तक नहीं भरा गया
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री की गाड़ी पर नियम उल्लंघन की कार्रवाई की गई हो। इससे पहले, 23 फरवरी 2024 को इस गाड़ी का सीट बेल्ट न लगाने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन अभी तक यह जुर्माना अदा नहीं किया गया है। इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति को राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है, वही नियमों का उल्लंघन क्यों कर रहा है?
मुख्यमंत्री की गाड़ी पर कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
मुख्यमंत्री की गाड़ी पर जुर्माना लंबित रहने और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के बिना चलने के मामले में राज्य सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है। इस घटना के बाद यह सवाल भी उठता है कि अगर राज्य के मुखिया ही नियमों की अनदेखी करेंगे, तो आम नागरिकों से क्या उम्मीद की जा सकती है?
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