ब्रिटेन के आम चुनाव में भारतीय मूल के वोटर्स महत्वपूर्ण भूमिका में होते हैं, ऐसे में सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी ने 30 भारतीय मूल के लोगों को मैदान में उतारा है। वहीं दूसरी तरफ लेबर पार्टी ने 33 भारतीय मूल के लोगों को कैंडिडेट बनाया है। यूके में गुरुवार यानी आज सुबह 7 बजे से लेकर रात 10 बजे तक स्थानीय समयानुसार मतदान होगा। मतदान खत्म होते ही मतगणना शुरू होगी और 5 जुलाई की सुबह परिणाम आ जाएंगे, जिसके बाद तय होगा कि किस पार्टी की सरकार इस बार बन रही है।
Britain General Elections Live : देर रात आएंगे 650 सीटों के नतीजे
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने संसद का कार्यकाल पूरा होने के सात महीने पहले ही चुनाव कराने का फैसला किया और 30 मई को किंग चार्ल्स से कह कर संसद भंग कर दी। वहीं उस समय उन्हें उम्मीद थी कि उनकी कंजरवेटिव पार्टी बहुमत में आ जाएगी। इसमें कोई शक नहीं कि उन्होंने महंगाई को काबू किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना को दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए हैं और आप्रवासी नीति के तहत वे रवांडा योजना ले कर आए। हालांकि तब उन्हें लगा था, कि आप्रवासियों को रवांडा भेजने के उनके फैसले से टोरी पार्टी के गोरे खुश हो जाएंगे। लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है, क्योंकि चुनाव पूर्व आकलन बता रहे हैं कि इस बार लेबर पार्टी बहुत भारी है। हालांकि 2019 में यही लेबर पार्टी बुरी तरह हारी थी। अब 4 जुलाई यानी आज वोट डाले जाएंगे और उसी रात सभी 650 सीटों के नतीजे आ जाएंगे।
Britain General Elections Live : क्या है यूके में चुनाव प्रक्रिया
यूनाइटेड किंगडम में इंग्लैंड समेत तीन क्षेत्र और हैं। ये हैं इंग्लैंड या ग्रेट ब्रिटेन, स्कॉटलैंड-वेल्स और उत्तरी आयरलैंड। इनमें से ब्रिटेन में 543 सीटें हैं और स्कॉटलैंड में 57 तथा वेल्स में 32 एवं उत्तरी आयरलैंड में 18 सीटें हैं। वहीं 19वीं और 20वीं शताब्दी का सबसे ताकतवर देश ब्रिटेन, जिसे ब्रिटिश लोग ग्रेट ब्रिटेन कहते हैं, टूट के कगार पर है।
इसके साथ ही दक्षिणी आयरलैंड ब्रिटेन से अलग हो चुका है और अब स्कॉटिश लोग भी ब्रिटेन से अलग होने की बात कर रहे हैं। कुल 650 सीटों के लिए ब्रिटिश संसद का चुनाव होता है। जिस पार्टी को 326 सीटें मिलती हैं, उसी दल का अध्यक्ष प्रधानमंत्री चुना जाता है। वहीं पिछले 14 वर्षों से वहां कंजरवेटिव पार्टी सत्ता में है, लेकिन इस बार के संकेत बता रहे हैं कि लेबर पार्टी भारी पड़ रही है। लेबर पार्टी उदारवादी दल है। इसके अलावा स्कॉटलैंड की आजादी की बात करने वाली स्कॉटिश नेशनल पार्टी भी है। एक अल्ट्रा लेफ्ट लिबरल डेमोक्रैट्स नाम का दल भी वहां है।
Britain General Elections Live : क्या है रवांडा योजना है
यह योजना अप्रैल 2022 में लाई गई थी, जब इंग्लिश चैनल पार कर बहुत से लोग फ्रांस से ब्रिटेन आ गए थे। ब्रिटेन की तत्कालीन सरकार ने इन्हें अवैध शरणार्थी बताया तथा उन्हें शरण देने से मना कर दिया। यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन था। ब्रिटिश सरकार ने कहा, उन्हें उनके मूल देश नहीं भेजा जा सकता, क्योंकि ये लोग वहां अपनी जान का खतरा बता रहे हैं, इसलिए इनको रवांडा भेज दिया जाएगा।
इसके लिए सरकार 3300 पौंड प्रति व्यक्ति देगी। ऋषि सुनक 25 अक्तूबर 2022 को प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने घोषणा की थी कि 22 जुलाई 2024 से रवांडा योजना पर अमल शुरू हो जाएगा। उन्हें यह घोषणा टोरी पार्टी के गोरों के दबाव के कारण करनी पड़ी। मगर इससे उन्होंने अपना दक्षिण एशियाई वोट बैंक खो दिया। मालूम हो कि ब्रिटेन में करीब 50 लाख लोग भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश से हैं। ये लोग यूके की 50 सीटों पर निर्णायक हैं।
वहीं बता दें कि रवांडा एक पूर्वी अफ्रीकी देश है और उसे अवैध शरणार्थियों के बसने के लिए उपयुक्त देश माना जाता है। यूरोपीय देश अपने यहां के अवैध शरणार्थियों को रवांडा भिजवा देते हैं। इसके लिए ब्रिटिश सरकार रवांडा को कई करोड़ पौंड का भुगतान भी करती है।
उसने वायदा किया है कि भविष्य में जो शरणार्थी भेजे जाएंगे उनके पुनर्वास के लिए भी पैसा दिया जाएगा। रवांडा अवैध शरणार्थियों को उनके मूल देश वापस जाने को बाध्य नहीं करता, लेकिन जो लोग ब्रिटेन में बसने का सपना आंखों में बसा कर अपने देश को छोड़ कर आए थे, उनके अरमान ज़रूर बिखर जाते हैं। क्योंकि रवांडा में शरण की अनुमति मिलने के बाद वे ब्रिटेन नहीं आ सकते। वहीं कंजरवेटिव पार्टी के अधिकांश लोग इस योजना से सहमत थे। मगर दूसरी पार्टियां इसके विरोध में थीं। इसलिए इस योजना पर अमल रोक दिया गया।
Read Also-Britain Election: ब्रिटेन में 4 जुलाई को होंगे चुनाव, सर्वे में सुनक की पार्टी हार की ओर