एक्सक्लूसिव
वीरेंद्र ओझा
जमशेदपुर : Champai Soren politics: कोल्हान टाइगर कहे जाने वाले चम्पाई सोरेन फिलहाल राजनीति के चौराहे पर खड़े हैं। वरिष्ठ नेता के अगले कदम पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। फिलहाल चम्पाई सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा दोनों ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में हैं। चम्पाई सोरेन ने अब तक झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल के मंत्री पद से भी त्यागपत्र नहीं दिया है। वे सरकारी लाव-लश्कर लेकर गांव-गांव घूम रहे हैं।
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा भी खुली बगावत के बावजूद अपने वरिष्ठ नेता पर सीधी कार्रवाई से बच रही है। अब तक उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त नहीं किया गया है। दोनों खेमे एक-दूसरे के अगले कदम पर निगाहें बनाए हुए हैं।
Champai Soren politics : क्या होगा अगला कदम
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो फिलहाल चम्पाई सोरेन अपने क्षेत्र में भ्रमण कर अपनी राजनीतिक शक्ति का आकलन कर रहे हैं। अपने कार्यक्रमों में आ रही जनता की भीड़ के जरिए वह भविष्य की रणनीति तय करने में जुटे हैं। इससे पहले वह अपनी ही पार्टी के कुछ विधायकों से धोखा खा चुके हैं। लिहाजा वह अपनी राजनीति का अगला कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहते हैं। वह झामुमो और सरकार के अनुशासनात्मक कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। जाहिर है अगर पार्टी उन्हें बर्खास्त करती है तो वह जनता के बीच इस मुद्दे पर सहानुभूति बटोर सकते हैं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा चम्पाई के मौजूदा जनाधार पर निगाह बनाए हुए है। चम्पाई के अलग होने से पार्टी को होने वाले संभावित नुकसान का मूल्यांकन किया जा रहा है। पार्टी अपनी तरफ से कोई कार्रवाई कर चम्पाई को
‘राजनीतिक पीड़ित’ घोषित होने का मौका नहीं देना चाहती।
Champai Soren politics : चम्पाई का कद आंक रही भाजपा
चम्पाई सोरेन और झामुमो की तरह ही फिलहाल भाजपा भी इस मुद्दे पर देखने और इंतजार करने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता चम्पाई सोरेन की राजनीतिक ताकत और उपयोगिता के सवाल पर भगवा ब्रिगेड का शीर्ष नेतृत्व चिंतन मनन कर रहा है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा सत्ताधारी दल के कदम पर निगाह बनाए हुए है। अगर झामुमो चम्पाई पर कार्रवाई करता है तो आने वाले चुनाव में वह मुख्य विपक्षी दल को बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा मिल सकता है।
Champai Soren politics: सुदेश और जयराम के लिए उपयोगी हो सकते टाइगर
भाजपा और झामुमो का दरवाजा बंद होने के बाद चम्पाई सोरेन सुदेश महतो और जयराम महतो के लिए राजनीतिक रूप से उपयोगी साबित हो सकते हैं। सुदेश महतो की ओर से चम्पाई सोरेन को लेकर दिए गए हालिया बयान से यह अनुमान भी लगाया जा रहा है। आजसू के जरिए चम्पाई की एनडीए में ‘लेटरल इंट्री’
हो सकती है। वहीं जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा भी अगले विधानसभा चुनाव में चम्पाई को अपने साथ जोड़कर कोल्हान में अपनी मौजूदा स्थिति को कहीं अधिक मजबूत कर सकता है।
Champai Soren politics : पार्टी नेतृत्व को नहीं पसंद आया 5 माह का भ्रष्टाचार मुक्त कार्यकाल : चम्पाई
सरायकेला में शनिवार को चम्पाई सोरेन ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर झामुमो नेतृत्व पर निशाना साधा। चम्पाई ने कहा कि 5 माह तक मेरा कार्यकाल भ्रष्टाचार मुक्त रहा। विभागों में भ्रष्टाचार मुक्त कार्य हुए। शायद यही पार्टी आलाकमान को पसंद नहीं आया, इसलिए बेइज्जत कर कुर्सी से उतार दिया। अब जनता के समर्थन से दोबारा मजबूत राजनीति करनी है।
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