सेंट्रल डेस्क : सभी जानते हैं कि दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर कितना खतरनाक रहता है। इससे लोग कितने परेशान रहते हैं। इस समस्या से राहत दिलवाने के लिए ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान (GRAP) 1 अक्टूबर से लागू किया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घातक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इस प्रोग्राम को सख्ती से लागू करने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार की एजेंसियों और सीएक्यूएम (CAQM) के माध्यम से तीन दिन के बाद का पूर्वानुमान उपलब्ध होगा, जिसके आधार पर ग्रेडिएट को लागू किया जाएगा ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। पूर्वानुमान के अनुसार, 1 से 3 अक्टूबर तक प्रदूषण सामान्य रहेगा। इसके बाद भी अगले छह दिनों तक यह सामान्य स्थिति में रह सकता है। हवा खराब होने के पूर्वानुमान के साथ ही GRAP को लेकर मीटिंग भी होगी।
क्या है GRAP?
GRAP, यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान, एक वायु गुणवत्ता प्रबंधन की योजना है जो वायुमंडलीय गुणवत्ता को सुधारने के लिए तैयार की गई है। इसका उद्देश्य वायुमंडलीय प्रदूषण को कम करना और वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। GRAP को 2017 में लागू किया गया था। उसके बाद इसे 2022 में अपडेट किया गया था। GRAP प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए उपाय करता है, लेकिन इन उपायों को और अधिक सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है।
इस प्रकार मापा जाता है प्रदूषण स्तर
प्रदूषण स्तर को मापने के लिए ‘एयर क्वालिटी इंडेक्स’ (AQI) का उपयोग किया जाता है, जिसमें वायुमंडलीय गुणवत्ता को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। 10 से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’ माना जाता है, इसका मतलब है कि वायुमंडलीय गुणवत्ता बहुत अच्छी है। 51 से 100 के बीच AQI ‘संतोषजनक’ होता है, इसका मतलब है कि वायुमंडलीय गुणवत्ता ठीक-ठाक है। 101 से 200 के बीच AQI ‘मध्यम’ होता है, इसका मतलब है कि वायुमंडलीय गुणवत्ता में कुछ सुधार की आवश्यकता हो सकती है। 201 से 300 के बीच AQI ‘खराब’ होता है, इसका मतलब है कि वायुमंडलीय गुणवत्ता पूरी तरह से खराब है और संकेत देता है कि सामान्य लोगों के लिए यह हानिकारक हो सकता है। 301 से 400 के बीच AQI ‘बहुत खराब’ होता है, इसका मतलब है कि वायुमंडलीय गुणवत्ता किसी भी प्रकार की खतरे की स्थिति में है। 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है, इसका मतलब है कि वायुमंडलीय गुणवत्ता से जुड़ी गंभीर खतरे की स्थिति है, और व्यक्तिगत और सार्वजनिक कार्रवाई की आवश्यकता हो सकती है।
प्रदूषण कम करने की कवायद, आज से बदल जाएंगे ये नियम
आज यानी 1 अक्टूबर से दिल्ली-NCR में कुछ नियमों का बदलाव किया जा रहा है। बता दें कि अब दिल्ली-NCR में पटाखों पर पूरी तरह रोक लगाई जा चुकी है। खुले में निर्माण सामग्री की लोडिंग-अनलोडिंग नहीं कर सकेंगे। अब लोग सड़क पर निर्माण सामग्री नहीं रख सकेंगे। अगर गाड़ी से धुंआ निकलता दिखाई दिया तो तुरंत कार्रवाई होगी। सड़कों की सफाई मैकेनिकल तरीकों से होगी और अगर खुले में कूड़ा जलाया या आग लगाई तो ऐक्शन होगा। साथ ही बता दें कि अब डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल इमरजेंसी कारणों के लिए ही होगा। यह उपाय वायुमंडलीय प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं और वायु गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास करते हैं।
चार कैटेगरी में लागू होता है GRAP
CAQM के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है। जानिए इन चारो स्टेज को डिटेल में।
स्टेज-1 (AQI 201-300)
इस स्टेज में, प्राथमिक उपाय शामिल हैं, जैसे कि डीजल जनरेटर का प्रयोग केवल आपात स्थितियों में करने की अनुमति है। निर्माण साइटों पर एंटी-स्मॉग गन जैसे उपाय लागू किए जाते हैं, और सिविक एजेंसियां मशीनों के साथ सफाई करेंगी।
स्टेज-2 (AQI 301-400)
इस स्टेज में, पार्किंग फीस बढ़ाने जैसे कई उपाय लागू होते हैं जो निजी गाड़ियों की उपयोग सीमा को कम करने के लिए किए जाते हैं। साथ ही, CNG/इलेक्ट्रिक बसें और मेट्रो सेवाओं में वृद्धि होती है और सिक्योरिटी गार्ड को इलेक्ट्रिक हीटर प्रदान किया जाता है।
स्टेज-3 (AQI 401-450)
इस स्टेज में, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के साथ पीक और ऑफ पीक आवर में अलग किराए को लागू करने का निर्णय लिया जाता है। जरूरी प्रोजेक्ट्स को छोड़ने और अन्य निर्माण को रोकने की कई महत्वपूर्ण कार्रवाईयों को आवश्यक माना जाता है, और BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल कारों पर प्रतिबंध लागू किया जा सकता है।
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स्टेज-4 (AQI 450 से अधिक)
इस स्टेज में, दिल्ली में आवश्यक सामानों को छोड़कर अन्य डीजल ट्रकों की प्रवेश पर नियंत्रण लागू किया जाता है, और स्टाफ के 50% वर्क फ्रॉम होम करने की अनुमति दी जाती है। स्कूल, कॉलेज, और गाड़ियों को ऑड-ईवन पर चलाने का विचार किया जा सकता है।