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Prabhat Pandey Death: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को अंतिम संस्कार में जाने से लोगों ने रोका, बातचीत के बाद दी इजाजत

अंतिम संस्कार के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय अचानक कालेसर बगहा बाबा मुक्तिधाम पहुंचे थे। नारेबाजी करते हुए लोगों ने उन्हें रोककर किनारे कर दिया। उन्हें चिता के चिता के पास जाने से भी रोक दिया गया।

by Anurag Ranjan
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गोरखपुर : लखनऊ में कांग्रेस के विधानसभा घेराव और प्रदर्शन के दौरान चोट लगने से मृत प्रभात पांडेय का अंतिम संस्कार कालेसर बगहा बाबा मुक्तिधाम में गुरुवार को हुआ। अंतिम संस्कार के दौरान हंगामा देखने को मिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के पहुंचने पर वहां मौजूद लोगों और परिजनों ने उन्हें किनारे कर रोक दिया। काफी देर की बातचीत के बाद लोगों ने उन्हें अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत दी। बता दें कि सुबह में प्रभात का शव लखनऊ से गोरखपुर लाया गया था। बुधवार की शाम से ही प्रभात के मौत की खबर सुन परिवार के साथ ही गांव के लोग सदमे में हैं। परिजन कुछ भी बोलने की स्तिथि में नहीं हैं।

लगे पुलिस और सरकार विरोधी नारे

गौरतलब है कि अंतिम संस्कार के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय अचानक कालेसर बगहा बाबा मुक्तिधाम पहुंचे थे। नारेबाजी करते हुए लोगों ने उन्हें रोककर किनारे कर दिया। उन्हें चिता के चिता के पास जाने से भी रोक दिया गया। इसपर अजय राय ने कहा कि प्रभात आपका बेटा, भतीजा और भाई था। वह मेरा भी कार्यकर्ता था। उसकी मौत का दुख मुझे भी है। बस हाथ जोड़कर प्रणाम करने आए हैं। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस और सरकार विरोधी नारे लगाते रहे। जबकि कुछ लोगों ने राहुल और प्रियंका गांधी मुर्दाबाद के नारे भी लगाने शुरू कर दिए। वहां मौजूद लोगों ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर बुलाकर एक पार्टी के लोगों द्वारा मरवाने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। तनाव बढ़ता देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

काग्रेस ने एक करोड़ की आर्थिक सहायता की मांग की

गीडा क्षेत्र के देईपार निवासी प्रभात पांडेय (30) की मौत से पूरा गांव हतप्रभ है। वह गांव से दस दिन पहले ही अपनी बहन के पास लखनऊ गया था। प्रभात दो बहनों में इकलौता था। एक बहन की शादी हो चुकी है। वह लखनऊ में रहती हैं। उन्हीं के से प्रभात बुधवार को प्रदर्शन में शामिल होने गया था। गावं में बाबा उमाशंकर पांडेय,माता-पिता और छोटी बहन है। लखनऊ में रहने वाले उसके चाचा और बहन का परिवार प्रभात के मौत की सूचना मिलते ही पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा। वहीं, देईपार से भी परिवार के लोग लखनऊ रवाना हो गए थे।

बताया जा रहा है कि डेढ़ साल से प्रभात लखनऊ में ही अधिक रहता था। गांव के लोगों का कहना है कि प्रभात व्यवहार कुशल था। इस मामले में कांग्रेस ने योगी सरकार से 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।

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