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PRAYAGRAJ JAM : महाकुंभ में नहीं रुक रहा भक्तों का रेला, क्या शिवरात्रि तक 65 करोड़ का आंकड़ा होगा पार

प्रयागराज में कुल 9 रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें से संगम घाट स्टेशन को बंद कर दिया गया है। बाकी सभी स्टेशनों पर भीड़ का दबाव लगातार बढ़ रहा है।

by Rakesh Pandey
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प्रयागराज: महाकुंभ मेला 2025 में सारी भविष्यवाणियां गलत साबित हो रही हैं। प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान रिकॉर्ड तोड़ भीड़ देखने को मिल रही है, जो पहले से तय अनुमान से कहीं अधिक है। पिछले दिनों के दौरान, मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। शाही स्नान के बाद, जब उम्मीद की जा रही थी कि श्रद्धालुओं की भीड़ घटेगी, लेकिन बसंत पंचमी के बाद संख्या और भी बढ़ गई है।

प्रमुख स्नान पर्वों में बढ़ती भीड़

महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों की शुरुआत 14 जनवरी को मकर संक्रांति से हुई थी, जिसमें 3.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे। इसके बाद, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर 5.71 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान, भगदड़ जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हुईं, जिसमें 30 से अधिक लोग अपनी जान गंवा बैठे। बसंत पंचमी (3 फरवरी) के दिन 2 करोड़ लोग संगम में स्नान के लिए पहुंचे। इसके बाद माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) के दिन भी इसी तरह की भीड़ रही। अब तक कुल 53 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं।

6 फरवरी के बाद फिर उमड़ी भीड़

महाकुंभ के दौरान 6 फरवरी के बाद से भीड़ में और वृद्धि हुई है। खासतौर पर, 7 फरवरी से लेकर 15 फरवरी तक श्रद्धालुओं का रेला निरंतर बढ़ा ही गया। शहर में स्थित प्रमुख मार्गों पर यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और प्रमुख सड़कें सभी श्रद्धालुओं से भरी हुई हैं। हालात यह हैं कि महाकुंभ में हर दिन औसतन 1.5 करोड़ लोग पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं।

प्रमुख मार्गों पर जाम

प्रयागराज को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों पर स्थिति भयावह हो चुकी है। प्रयागराज-वाराणसी, प्रयागराज-मिर्जापुर, प्रयागराज-लखनऊ-रायबरेली-प्रतापगढ़ मार्गों पर यातायात की स्थिति बेहद खराब हो गई है। श्रद्धालुओं को इन रास्तों पर 20 से 25 किमी तक पैदल चलने की स्थिति आ गई है। खासकर लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग पर स्थिति सबसे गंभीर है, जहां लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं।

शहर में बिगड़ती स्थिति

प्रयागराज शहर में, सिविल लाइंस, गऊघाट, बैरहना, नैनी, अरैल समेत कई इलाकों में रास्ते पूरी तरह से ब्लॉक हो चुके हैं। इन इलाकों में सामान्य कामकाजी जीवन भी बाधित हो गया है। हर दिन घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे न सिर्फ श्रद्धालु बल्कि स्थानीय लोग भी परेशान हैं।

रेलवे स्टेशनों पर भीड़

प्रयागराज में कुल 9 रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें से संगम घाट स्टेशन को बंद कर दिया गया है। बाकी सभी स्टेशनों पर भीड़ का दबाव लगातार बढ़ रहा है, विशेष रूप से छिवकी और प्रयाग स्टेशन पर। यहां तक कि छिवकी स्टेशन पर स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने के लिए ह्यूमन चेन बनानी पड़ी। ट्रेनों में बैठने को लेकर मारामारी का आलम है। यात्रियों को अपनी ट्रेन के लिए बाड़े में इंतजार करना पड़ रहा है और प्लेटफार्म पर भीड़ इतनी बढ़ चुकी है कि वहां तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं।

श्रद्धालुओं से हो रही मनमानी वसूली

महाकुंभ में श्रद्धालुओं को टेंपो-टैक्सी और दुकानदारों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है। उन्हें सामान्य किराए से कहीं अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि खाने-पीने की चीजों का मूल्य भी तीन गुना बढ़ गया है और इन असहनीय कीमतों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

बसों की कमी

महाकुंभ के लिए 500 सिटी बसों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन मेले की शुरुआत से ही बसों की कमी साफ नजर आई है। श्रद्धालुओं को या तो पैदल यात्रा करनी पड़ रही है या फिर मनमानी किराया वसूलने वाले टेंपो और टैक्सी चालकों का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति में विशेष रूप से परिवारों को कठिनाई हो रही है, जहां छोटे बच्चे भी लंबी दूरी पैदल चलने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

शिवरात्रि तक 65 करोड़ श्रद्धालु पहुंचने का अनुमान

महाकुंभ की भीड़ को देखते हुए, अनुमान है कि महाशिवरात्रि (26 फरवरी) तक इस आंकड़े में और वृद्धि हो सकती है और श्रद्धालुओं की संख्या 60 से 65 करोड़ तक पहुंच सकती है। महाकुंभ की वर्तमान स्थिति से स्पष्ट है कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या सभी रिकॉर्ड तोड़ने वाली है और यह मेला उम्मीद से कहीं अधिक भव्य और विशाल बन चुका है। प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं, लेकिन महाकुंभ की श्रद्धा और आस्था का यह विशाल दृश्य भारतीय संस्कृति की ताकत को दिखाता है।

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