प्रयागराज : प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ की घटना ने पुलिस और प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस घटना की जांच को तेज कर दिया है। इस जांच में साजिश के एंगल को भी ध्यान में रखा जा रहा है। यूपी एसटीएफ के अधिकारियों का मानना है कि इस भगदड़ की घटना को कहीं न कहीं जानबूझकर कराया गया हो सकता है। इसके लिए जांच दल सक्रिय रूप से मोबाइल डेटा, सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों की जांच कर रहा है।
मोबाइल डेटा की गहन जांच जारी
सूत्रों के मुताबिक, यूपी एसटीएफ ने महाकुंभ क्षेत्र के संगम नोज के आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों का डेटा खंगालना शुरू कर दिया है। अब तक 16,000 से अधिक मोबाइल नंबरों के डेटा का विश्लेषण किया जा चुका है। कई ऐसे मोबाइल नंबर सामने आए हैं जो घटना के तुरंत बाद से बंद हो गए थे।
घटना के बाद बंद हो गए कई मोबाइल नंबर
भगदड़ की घटना के तुरंत बाद कई मोबाइल नंबर बंद होने से यह सवाल उठता है कि क्या ये मोबाइल नंबर संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े रहे हो सकते हैं। इसके अलावा, महाकुंभ के मेला क्षेत्र में बने कमांड एंड कंट्रोल रूम के सीसीटीवी फुटेज से संदिग्ध व्यक्तियों को पहचानने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए फेस रिकग्निशन ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि घटना में शामिल लोगों की पहचान की जा सके।
वसंत पंचमी को लेकर सुरक्षा बढ़ाई गई
प्रयागराज महाकुंभ में वसंत पंचमी के मौके पर तीसरे अमृत स्नान को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। 3 फरवरी को सुबह 5 बजे से शुरू होने वाला यह स्नान बेहद महत्वपूर्ण होगा, और इसकी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर यूपी पुलिस हाई अलर्ट पर है। इस दौरान शहर में पुलिस के बड़े अधिकारी सक्रिय रूप से मैदान पर रहेंगे। खासकर 4 फरवरी तक प्रयागराज शहर में वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में वाहनों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए पार्किंग स्टैंड बनाए गए हैं, जहां से श्रद्धालु शटल बस या पैदल संगम घाट तक पहुंच सकेंगे।
महाकुंभ भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की हुई मौत
29-30 जनवरी की रात, जब महाकुंभ में श्रद्धालु मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने पहुंचे थे, भगदड़ मच गई। इस घटना में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हुए। इस घटना के बाद महाकुंभ प्रशासन और पुलिस ने भीड़ प्रबंधन को लेकर कई नए कदम उठाए हैं। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महाकुंभ के आसपास की स्थिति को काबू में किया और सीसीटीवी फुटेज से यह जांचने की कोशिश की गई कि भगदड़ की असल वजह क्या थी।
प्रयागराज में वाहन प्रवेश पर रोक
अब 2 से 4 फरवरी तक प्रयागराज में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके तहत, बाहरी जिले से आने वाले श्रद्धालुओं को शहरी क्षेत्र के बाहर बनाए गए पार्किंग स्टैंड पर अपनी गाड़ियां खड़ी करनी होंगी। यहां से श्रद्धालु शटल बसों या पैदल चलकर घाटों तक पहुंचेंगे। इस व्यवस्था से महाकुंभ के क्षेत्र में वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे यातायात में आसानी होगी और सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।