स्पेशल डेस्क,नई दिल्ली : भारत ऋषि मुनियों की धरती रही हैं। एक से बढ़कर एक महात्माओं ने इस पवित्र धारा पर जन्म लिया है। मानवता के कल्याण के लिए उपदेश दिए हैं। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक महान सन्यासी हुए। जिनका नाम था देवरहा बाबा। देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद से लेकर लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तक बाबा के अनन्य भक्त रहे।
कहते हैं कि जमीन से 12 फीट ऊंचे लकड़ी के मचान पर एक साधारण कपड़े में रहने वाले देवरहा बाबा देश की सत्ता चलाने की ताकत रखते थे। कई लोगों की मान्यता है कि बाबा के आशीर्वाद से ही इंदिरा गांधी दोबारा देश की सत्ता में वापस लौटी थीं। कहा जाता है कि देवरहा बाबा की वास्तविक उम्र कोई नहीं जानता था। तीन-तीन, चार-चार पीढ़ियों को उनके दर्शन का लाभ मिला है।
देवरहा बाबा के बारे में एक से बढ़कर एक कहानियां बताइए और सुनाई जाती हैं। आज भी योगीराज देवरहा बाबा में करोड़ों लोगों की अपार आस्था है। देवरहा बाबा अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उत्तर प्रदेश के वृंदावन में एक और ऐसे ही महात्मा हैं, जिनकी ख्याति इन दिनों पूरे देश दुनिया में फैल रही है। इनका नाम है प्रेमानंद जी महाराज।
प्रेमानंद जी के हजारों वीडियो वायरल, छोटे-छोटे बच्चे तक भक्त
प्रेमानंद जी महाराज के हजारों वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। सबसे बड़ी खासियत यह है कि छोटे-छोटे बच्चे तक प्रेमानंद जी महाराज के बड़े भक्त हैं। जीवन दर्शन और आध्यात्मिकता के बारे में बाबा के विचार करोड़ों लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से बाबा की एक झलक पाने के लिए लोग हजारों किलोमीटर की यात्रा पूरी पर वृंदावन पहुंच रहे हैं।
आखिर क्यों प्रसिद्ध हैं प्रेमानंद जी महाराज
प्रेमानंद जी महाराज के बारे में यह कहा जाता है कि उनकी दोनों किडनी पिछले 25 सालों से फेल है। इसके बावजूद वह न केवल जिंदा हैं बल्कि किसी भी सामान्य व्यक्ति से कहीं ज्यादा स्वस्थ और तंदुरुस्त दिखते हैं। बाबा हर दिन रात करीब 2:00 अपनी दिनचर्या शुरू कर देते हैं। आश्रम से देर रात निकालने के दौरान प्रेमानंद जी महाराज का दर्शन पाने के लिए हजारों की संख्या में भक्त सड़कों पर इंतजार करते हैं।
भक्तों की तरफ से सड़कों पर फूल बिछाए जाते हैं। आरती दिखाई जाती है। ढोल नगाड़े बजाए जाते हैं। लोग आधी रात को घंटों हाथ जोड़कर सड़कों पर कतारबद्ध होकर एक झलक पाने के लिए खड़े रहते हैं। इसमें छोटे-छोटे बच्चे भी होते हैं। बाबा का बच्चों पर अतिरिक्त स्नेहा देखा जाता है। कई बच्चे बाबा से प्रभावित होकर उनके संप्रदाय से दीक्षित हो गये हैं।
क्या है प्रेमानंद जी महाराज की खासियत, दूसरे संतों से क्या है खास
प्रेमानंद जी महाराज की सबसे बड़ी खासियत है कि वह दान दक्षिणा स्वीकार नहीं करते। वह कभी किसी से कुछ भी नहीं मांगते। अगर कोई श्रद्धालुओं ने कीमती सामान देने का प्रयास भी करता है तो वह उसे सहर्ष अस्वीकार कर देते हैं। वह किसी जादू, टोने, चमत्कार, अथवा धार्मिक कट्टरता का दावा नहीं करते हैं।
वह बस राधा नाम सुमिरन की महिमा लोगों को बताते हैं। लोगों को भक्ति और कर्तव्य के परस्पर समन्वय की शिक्षा देते हैं। बाबाजी पीले वस्त्र धारण करते हैं। उनके आश्रम में चाहे कोई कितना भी बड़ा अथवा वीआईपी आये,किसी के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होता है। बाबाजी सबको समान रूप से अपना संदेश देते हैं। कोई भी उनसे मिल सकता है। दर्शन प्राप्त कर सकता हैं।
विराट कोहली, अनुष्का शर्मा से लेकर सांसद रवि किशन तक हैं भक्त
प्रेमानंद जी महाराज के भक्तों की लिस्ट बहुत लंबी है। क्रिकेटर विराट कोहली, फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, गोरखपुर के सांसद और अभिनेता रवि किशन से लेकर बड़े-बड़े उद्योगपति, नौकरशाह, जज बाबा के भक्त हैं। कई प्रसिद्ध कथावाचक तक प्रेमानंद जी महाराज की शरण में साष्टांग दंडवत करते हैं।
कौन हैं प्रेमानंद जी महाराज, कैसे मिली इतनी को प्रसिद्धि
प्रेमानंद जी महाराज उत्तर प्रदेश कानपुर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने महज 10 वर्ष की उम्र में अपना घर द्वार छोड़ दिया था। वह सन्यासी होने के लिए निकल गए थे। फिर कभी लौट कर घर नहीं गए। उन्होंने जीवन का लंबा समय काशी में गुजारा। उसके बाद भगवत प्रेरणा से वृंदावन गए, जहां उन्होंने राधा वल्लभ संप्रदाय से दीक्षा ली। बाबा पढ़े-लिखे नहीं हैं लेकिन शास्त्रों पर उनकी जबरदस्त पकड़ है।
जीवन प्रबंधन पर उनके एक-एक वाक्य बड़े से बड़े विचारकों को हैरानी में डाल देते हैं। कहा जाता है कि बाबा ने अपने शुरुआती सन्यासी जीवन में बहुत कष्ट झेले। कई बार भूखे सोए। महज 35 साल की उम्र में उनकी तबीयत बहुत बिगड़ गई। चिकित्सकों ने जांच कर बताया कि उनकी दोनों किडनी खराब है। वह बहुत कम समय तक जिंदा रहेंगे, लेकिन इसे ईश्वर का चमत्कार कहें या साधना का असर।
करीब 25 वर्ष से बाबा जिंदा हैं। उनका नियमित डायलिसिस होता है। भयंकर कष्ट और पीड़ा के बावजूद उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रहती है। वह राधा रानी की शक्ति भक्ति में डूबे रहते हैं। दूसरों को भी राधा रानी की भक्ति की महिमा बताते हैं। गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
अचानक फिर क्यों आए चर्चा में, सोशल मीडिया फैली अफवाह
48 घंटे पहले ही प्रेमानंद जी महाराज को लेकर एक अफवाह सोशल मीडिया पर फैलाई गई। इसमें दावा किया गया कि प्रेमानंद जी महाराज का निधन हो गया है। जांच के बाद पता चला कि यह पूरी तरह से भ्रामक सूचना थी। प्रेमानंद जी महाराज पूरी तरह से स्वस्थ हैं और नियमित रूप से राधा रानी के भक्ति में लगे हुए हैं। फर्जी अकाउंट के जरिए यह अफवाह फैलाई गई थी।