रांची : राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स की व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर प्रबंधन रेस है। जिसके तहत हॉस्पिटल की सूरत बदलने में 738 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। इसकी स्वीकृति पहले ही सरकार ने दे दी थी। अब इस राशि का इस्तेमाल नए भवनों के निर्माण और पुराने भवनों के जीर्णोद्धार के लिए किया जाएगा। वहीं योजना के ओपीडी ब्लॉक, चारदीवारी का निर्माण, पुराने ओपीडी, इनडोर के अलावा एकेडमिक ब्लाक का नवीनीकरण, आवासीय ब्लॉक का प्रस्तावित निर्माण, पार्किंग की व्यवस्था, नाली, पैदल मार्ग सहित अन्य स्थानों का पुनर्विकास किया जाएगा।
कई योजनाओं पर काम शुरू
भवन निर्माण विभाग के अंतर्गत 16.90 करोड़ रुपये की लागत से लगभग कई योजनाओं को पूरा किया जाना है। जिनमें सेंट्रल लैब, नए कैंटीन भवन और गेट नंबर 1 का निर्माण प्रमुख हैं। गेट नंबर वन का काम शुरू कर दिया गया है। वहीं 2.53 करोड़ रुपये की लागत से 21 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। इन योजनाओं में नए निर्माण कार्य और पुराने भवनों के नवीनीकरण के अलावा सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है। जिससे इलाज के लिए आने वाले मरीजों और हॉस्पिटल में करने वाले कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
सेंट्रल लैब में लगेगी हाईटेक मशीनें
साथ ही रिम्स में 24×7 स्थाई सेंट्रल लैब की स्थापना के लिए जरूरी मशीनों की खरीद के लिए निविदा भी प्रकाशित की गई है। इस सेंट्रल लैब की स्थापना से रिम्स में मरीजों के परीक्षण और जांच की प्रक्रिया और भी तेज हो सकेगी। इतना ही नहीं समय पर और सटीक रिपोर्ट मिलने से बेहतर इलाज मिल सकेगा।
अवैध पार्किंग पर लगेगी लगाम
अवैध पार्किंग और अनाधिकृत वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए पुराने इमरजेंसी के समीप बाउंड्री का निर्माण किया जा रहा है। इससे बेवजह की भीड़ कैंपस से कम हो जाएगी। वहीं इमरजेंसी सेवाओं में सुधार होगा और मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा।
58 योजनाएं पेयजल-स्वच्छता विभाग की
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अंतर्गत भी रिम्स में विभिन्न प्रकार की कुल 58 योजनाओं का काम किया जा रहा है, जिनकी कुल लागत 9.97 करोड़ रुपये है। इन योजनाओं में पेयजल की व्यवस्था, स्वच्छता और जल निकासी से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 10.66 करोड़ रुपये की लागत से 58 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। वहीं बिजली विभाग के अंतर्गत भी रिम्स में कुल 59 योजनाएं पूर्ण की गई हैं, जिनकी कुल लागत 12.61 करोड़ रुपये है। इन योजनाओं के तहत रिम्स परिसर में बिजली की आपूर्ति, बैकअप पावर और अन्य आवश्यक विद्युत सुविधाओं का विस्तार किया गया है।