रांची : झारखंड की राजधानी रांची स्थित रिम्स में गंदगी और अव्यवस्था एक बार फिर सामने आई है। रिम्स के निदेशक प्रो. डॉ. राज कुमार ने निरीक्षण के दौरान मेडिसिन वार्ड, ऑर्थोपेडिक वार्ड और कैदी वार्ड समेत कई स्थानों पर जलजमाव और सीवेज की गंभीर समस्या देखी। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि इन इलाकों में गंदा पानी जमा है, जिससे मरीजों, उनके परिजनों, चिकित्सकों और अस्पताल के कर्मचारियों को खासी परेशानी हो रही है। इसके साथ ही जलजमाव से संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है।
डॉ. राज कुमार ने बताया कि रिम्स में तैनात पीएचईडी विभाग के कर्मियों को बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि मरीजों की जान को भी खतरे में डाल रही है।
निदेशक बंगले में आ रहा गंदा पानी
एक अन्य मामले में पीएचईडी द्वारा मीडिया को जानकारी दी गई थी कि निदेशक बंगले में 8 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक वाटर प्यूरिफायर लगाया गया है। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि इसके बावजूद निदेशक बंगले में साफ पानी अब तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। निदेशक ने यह भी कहा कि बार-बार मौखिक और लिखित निर्देशों के बाद भी पीएचईडी की ओर से न कोई स्पष्टीकरण आया है और न ही किसी तरह की कार्रवाई की गई है। यह स्थिति सरकारी आदेशों की अवहेलना और विभागीय अकर्मण्यता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।