धनबाद : झारखंड के धनबाद जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की गई है। वर्तमान में जिले में चार अधिसूचित पर्यटन स्थल हैं, लेकिन अब 21 नए स्थलों को पर्यटन के नक्शे पर लाने की तैयारी है। इसके लिए जिला प्रशासन ने विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर पर्यटन विभाग को भेजा है।
वर्तमान अधिसूचित पर्यटन स्थल और उनकी श्रेणी
पर्यटन स्थल : श्रेणी
मैथन डैम : A
पंचेत डैम : C
तोपचांची झील : C
भटिंडा फॉल : D
विकास योजनाएं
मैथन और पंचेत डैम में वाटर स्पोर्ट्स (Water Sports) और वाटर टूरिज्म (Water Tourism) को बढ़ावा देने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए समुचित इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के विकास का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है।
प्रस्तावित 21 पर्यटन स्थलों में शामिल प्रमुख नाम
झींझी पहाड़ी मंदिर (कतरास) : पत्थरों से निर्मित, ऐतिहासिक और बिना कंक्रीट का प्राचीन मंदिर। ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) से मान्यता प्राप्त।
लिलौरी स्थान (गंगापुर, कतरास)
कल्याणेश्वरी मंदिर
दुखहरनी मंदिर
गर्म कुंड और बूढ़ा बाबा मंदिर (टुंडी)
इन स्थलों के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए इन्हें पर्यटक केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।
नई सुविधाएं : होटल और पार्क निर्माण की योजना
मैथन के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक होटल और पार्क के निर्माण की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य अंतरराज्यीय यात्रियों को आराम और विश्राम की सुविधा देना है। इस पहल से पर्यटन में वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
युवाओं के लिए रोजगार और प्रशिक्षण
पर्यटन स्थलों की संख्या बढ़ने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
वाटर बोट चलाने और लाइफ सेविंग जैसे तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं।
प्रस्तावित एनुअल मेंटेनेंस कमेटी के तहत 30 से 35 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
पर्यटन स्थलों के विकास से जिले में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे होटल, ट्रांसपोर्ट, गाइड सर्विसेस और स्थानीय हस्तशिल्प को लाभ मिलेगा। यह पहल धनबाद को पर्यटन के एक नए केंद्र के रूप में स्थापित कर सकती है।