पुणे : Pune Porsche Case : महाराष्ट्र के पुणे पोर्श कार केस में नाबालिग आरोपी की मां को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार (Pune Police Commissioner Amitesh Kumar) ने इसकी जानकारी दी है। नाबालिग आरोपी की मां पर अपने बेटे का ब्लड सैंपल बदलने के लिए अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप है।
वहीं, ये भी बताया जा रहा है कि पुलिस ने कोर्ट में कहा कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां ने अपने ब्लज सैंपल से बदल दिया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि घटना के वक्त वह नशे में नहीं था। वहीं, कुछ दिन पहले ही आरोपी की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें उसने पुलिस से अनुरोध किया था कि वो उसके बेटे की रक्षा करे। आरोपी की मां ने वीडियो में कहा था कि जो वीडियो वायरल हो रहा है, वो उसके बेटे का नहीं है, बल्कि किसी और का है।
Pune Porsche Case : नशे में था पोर्श चला रहा लड़का
शुक्रवार को इस केस में बड़ा खुलासा आरोपी के दोस्तों ने किया था। हादसे वाली रात पोर्श कार में आरोपी के साथ बैठे उसके दोस्तों ने पुलिस को बताया कि एक्सीडेंट के समय वह नशे में धुत था। वह शराब के नशे में 200 की स्पीड से गाड़ी सड़क पर दौड़ा रहा था।
Pune Porsche Case : क्या है पूरा मामला
19 मई की रात, दोस्तों संग पार्टी करने गए पुणे के एक लड़के ने दो परिवार की खुशियों को पूरी तरह से उजाड़ दिया था। उसने अपनी महंगी लग्जरी कार से बाइक से जा रहे दो आईटी इंजीनियरों की जान ले ली। अश्वनी और अनीश नाम के दोनों इंजीनियर बाइक से जा रहे थे। उसी दौरान पोर्श कार मे उनको रौंद दिया। हादसा इतना भीषण था कि दोनों हवा में उछलकर जमीन पर जा गिरे और उनकी मौत हो गई।
Pune Porsche Case : सैंपल बदलने के लिए 3 लाख रुपये
पुलिस की मानें तो गिरफ्तार डॉक्टरों में से एक विशाल अग्रवाल और डॉ. अजय तवरे के बीच लगभग एक दर्जन कॉलों का आदान-प्रदान हुआ। वो भी उस समय, जब आरोपी नाबालिग के खून की जांच हो रही थी। इससे यह पता लगाया जाना था कि कार चलाते समय वो नशे में था या नहीं। पुलिस को पता चला कि डॉ. अजय तवरे पुणे दुर्घटना की रात छुट्टी पर थे और उन्हें किसी का फोन आया था। उन्होंने रक्त के नमूनों में हेरफेर करने के लिए डॉ. श्रीहरि हरनोर को बुलाया। इस काम के लिए उन्होंने 3 लाख रुपये भी लिए।
पुलिस ने दो दिन पहले एक स्थानीय अदालत को बताया था कि किशोर के रक्त के नमूनों की एक महिला के नमूनों के साथ अदला-बदली की गई थी। 19 मई को तड़के पुणे के कल्याणी नगर में दो आईटी इंजीनियरों की मौत हो गई थी, जब कथित तौर पर नशे में धुत नाबालिग द्वारा चलाई जा रही पोर्श कार ने उनकी दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी।
वहीं, इससे पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एए पांडे की अदालत ने दो डॉक्टरों, डॉ. श्रीहरि हरनोर और डॉ. अजय तवारे के साथ-साथ अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को किशोर के ब्लड सैंपल में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोर के पिता ने डॉक्टरों में से एक को बुलाया था और उसे नमूने बदलने के लिए कहा था। इसके साथ ही पुलिस यह जांच करना चाहती थी कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश किसने दिए थे।
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