पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर बाबा बागेश्वर के दावे पर तीखा हमला बोला है। पप्पू यादव ने यह सवाल उठाया कि आखिर वे कौन लोग हैं जो यह दावा कर रहे हैं कि महाकुंभ में अब तक 55-60 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं? पप्पू ने कहा कि अगर मरने वालों की सही संख्या का पता नहीं चल सकता तो फिर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का पता कैसे चला लिया गया? इस दौरान पप्पू ने बाबा बागेश्वर पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे उनके बयान ने राजनीति और मीडिया में हलचल मचा दी है।
महाकुंभ पर पप्पू यादव का सवालिया निशान
बेगूसराय में मीडिया से बात करते हुए पप्पू यादव ने महाकुंभ की श्रद्धालुओं की संख्या पर उठाए गए सवालों पर कहा कि जो लोग दावा कर रहे हैं कि 55-60 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं, उन्हें यह बताना चाहिए कि यह गिनती किसने की है? उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव है कि किसी ने इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हिसाब रखा हो। उनका यह बयान सीधे तौर पर बाबा बागेश्वर के दावों पर था, जिन्होंने महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या का आंकड़ा बताया था।
उछलकूद व बयानबाजी वाले बाबाओं को महत्व नहीं देते: पप्पू
पप्पू यादव ने कहा कि महाकुंभ हमारी आस्था से जुड़ा है, लेकिन वह ऐसे बाबाओं को महत्व नहीं देते जो केवल उछल-कूद कर बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने बाबा बागेश्वर के बारे में कहा कि “हम इन बाबाओं को बंदर की तरह मानते हैं जो केवल अपने बयानों से लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं। जब बाबा बागेश्वर के मां-बाप भी पैदा नहीं हुए थे, तब से कुंभ मेला होता आ रहा है।” इस बयान ने बाबा बागेश्वर के समर्थकों और आलोचकों को एक नया मुद्दा दे दिया है।
कहा- कुंभ के आंकड़े मनगढ़ंत व अव्यावहारिक
पप्पू यादव ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर अपने विचार रखते हुए और भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत की कुल जनसंख्या 140 करोड़ है, जिसमें 23-24 करोड़ लोग विभिन्न धर्मों और विचारधाराओं का पालन करते हैं, जबकि 80-85 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और फ्री में 5 किलो अनाज खाने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इनमें से एक करोड़ लोग महाकुंभ में शामिल हो जाएं तो क्या संख्या 60 करोड़ हो जाएगी? पप्पू ने यह भी दावा किया कि दक्षिण भारत के लोग तो महाकुंभ में आते ही नहीं हैं, फिर यह संख्या 60 करोड़ कैसे हो सकती है? उनका कहना था कि यह आंकड़े पूरी तरह से मनगढ़ंत और अव्यावहारिक हैं।
बिहार की राजनीति में बदलाव लाने का करेंगे प्रयास
इस दौरान पप्पू यादव ने कांग्रेस और बिहार की राजनीति पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वह किसी पद की रेस में नहीं हैं, बल्कि उनका और कन्हैया कुमार का उद्देश्य बिहार के लोगों को बचाने के लिए काम करना है। पप्पू ने कहा कि वह कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के विचारों का समर्थन करते हुए उनके साथ मिलकर बिहार की राजनीति में बदलाव लाने की कोशिश करेंगे।
नीतीश के प्रति बदला नजर आ रहा नजरिया
पप्पू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति नरम रुख भी दिखाया और कहा कि बिहार में हर पार्टी को अपना काम करने का अवसर मिलना चाहिए। यह बयान बिहार की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकता है, जहां पप्पू यादव और कन्हैया कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस एक नया मोड़ ले सकती है।