सेंट्रल डेस्क: तेलंगाना हाई कोर्ट ने सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और नाबालिगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह देर रात के समय में फिल्म स्क्रीनिंग और 16 साल से कम उम्र के बच्चों की सिनेमा हॉल में एंट्री पर कड़े नियम लागू करें।
‘पुष्पा 2’ के प्रीमियर के दौरान हुआ था हादसा
यह आदेश फिल्म ‘पुष्पा 2’ के हैदराबाद में प्रीमियर के दौरान संध्या थिएटर में हुए वीभत्स हादसे के बाद लिया गया। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई थी और उनका नाबालिग बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना ने देर रात के शो के दौरान भीड़-भाड़ और सुरक्षा की चिंता को उजागर किया।
देर रात के शो में नाबालिगों को मिल जाती थी एंट्री
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने यह तर्क प्रस्तुत किया कि राज्य के लाइसेंसिंग नियम, विशेष रूप से एपी सिनेमा (नियमन) नियम, 1970 की धारा 12 (43), सुबह 8:40 बजे से पहले या रात 1:30 बजे के बाद फिल्म स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देती है। हालांकि, मल्टीप्लेक्स में देर रात के शो अक्सर 1:30 बजे के बाद चलते हैं, जिससे नाबालिगों को इन घंटों में बिना किसी प्रतिबंध के एंट्री मिल जाती है।
बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता
याचिकाकर्ताओं ने चिंता व्यक्त की कि देर रात के इन शो का बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, खासकर जब उनके लिए इस तरह के शो में प्रवेश की कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। कोर्ट ने सभी प्रस्तुतियों की समीक्षा करने के बाद और इस मुद्दे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को रात 11 बजे के बाद फिल्म शो में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
एक समग्र नीति तैयार करने का दिया सुझाव
कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को संबंधित पक्षों से परामर्श करके एक समग्र नीति तैयार करनी चाहिए, ताकि ऐसे शो को विनियमित किया जा सके और नाबालिगों की भलाई सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, कोर्ट ने सरकार को यह निर्देश दिया कि वह 16 साल से कम उम्र के बच्चों को रात 11 बजे के बाद फिल्में देखने की अनुमति देना तुरंत बंद करे, जब तक एक उचित नियामक ढांचा तैयार नहीं किया जाता। यह फैसला देर रात के मनोरंजन गतिविधियों पर बढ़ती निगरानी और बच्चों की सुरक्षा एवं कल्याण के प्रति बढ़ती चिंता को रेखांकित करता है।