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कतर में मौत की सजा के इंतजार में थे पूर्व नौ सैनिक, भारत की कोशिशों की हुई जीत, मिली रिहाई

by The Photon News Desk
Qatar
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नई दिल्ली। Qatar : भारत की विदेश नीति के मामले में इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय कूटनीति की विजय ने उन भारतीय पूर्व नौसैनिकों को राहत दे दी जिन्हें कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी कतर की जेल में बंद थे। जी हां, कतर में मौत की सजा सुनाए गए भारतीय नौसेना के आठ पूर्व नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने रिहा कर दिया है।

यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा है कि 8 भारतीय नौसैनिकों में से सात की भारत वापसी भी हो चुकी है।

Qatar: मामला क्या था?

सितंबर 2022 में, Qatar के खुफिया विभाग ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व जवानों को गिरफ्तार किया था। उन पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप था। 26 अक्टूबर 2023 को, कतर की एक अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। आपको बता दें कि दोहा स्थित अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एक निजी फॉर्म है जहां कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

इस कंपनी में भारतीय नौसेना के पूर्व कैप्टन नवतेज गिल, सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा, सुगुनाकर पकाला और नाविक रागेश काम करते थे।

कौन हैं ये आठ भारतीय?

गौरतलब है कि Qatar की अदालत ने जिन आठ लोगों को सजा सुनाई थी वो सभी भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं।

1. कमांडर पूर्णेंदु तिवारी

2. कमांडर सुगुणाकर पकाला

3. कमांडर अमित नागपाल

4. कमांडर संजीव गुप्ता

5. कैप्टन नवतेज सिंह गिल

6. कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा

7. कैप्टन सौरभ वशिष्ठ

8. नाविक रागेश गोपाकुमार

ऐसे मिली भारतीय कूटनीति को सफलता

भारत सरकार ने कतर की अदालत के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई थी। विदेश मंत्रालय ने कतर सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। भारत ने कतर को यह भी बताया था कि इन पूर्व नौसैनिकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं।

कतर सरकार ने क्या किया?

भारत के राजनयिक प्रयासों के बाद, कतर सरकार ने मौत की सजा को जेल की सजा में बदल दिया। 8 फरवरी 2024 को, कतर की एक अदालत ने इन आठ पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया।यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है।

भारत-कतर संबंधों की मजबूती को मिला नया आधार

यह भारत की कूटनीतिक क्षमता का प्रमाण है कि वह अपने नागरिकों के लिए कठिन परिस्थितियों में भी मदद कर सकता है। बता दें कि यह भारत और कतर के बीच संबंधों को मजबूत करने में भी मदद करेगा। इन पूर्व नौसैनिकों के परिवारों ने भारत सरकार और कतर सरकार का धन्यवाद व्यक्त किया है। वहीं यह एक खुशी की बात है कि ये पूर्व नौसैनिक अपने परिवारों के साथ फिर से मिल गए हैं। यह घटना भारत और कतर के बीच संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करेगी।

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