Home » राबड़ी के मंत्री की ‘बाहुबलियों’ ने की थी हत्या, 26 साल बाद आया फैसला

राबड़ी के मंत्री की ‘बाहुबलियों’ ने की थी हत्या, 26 साल बाद आया फैसला

बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत पांच अन्य को बरी कर दिया है।

by Reeta Rai Sagar
Ranchi Land Scam
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

पटना। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के 90 की दशक में पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में फैसला सुनाया। 13 जून 1998 में घटित हुई इस घटना में बाहुबली विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला व मंटु तिवारी को आरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने भी इस मामले में मुन्ना व अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

26 साल पहले की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत पांच अन्य को बरी कर दिया है। गौरतलब है कि यह मामला पटना हाई कोर्ट में लंबित था। जहां मुन्ना शुक्ला व सूरजभान सहित 8 लोगों पर मुकदमा चल रहा था। पटना हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। इस फैसले को बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

मामला क्या हैः

1998 में पटना के IGIMS हॉस्पिटल में बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई थी। इस बाबत उनकी पत्नी और बीजेपी नेत्री रमा देवी, BJP और CBI ने पटना हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ले गए। सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई 21 व 22 अगस्त को पूरी की। तीन जजों की बेंच जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन ने आज अपना फैसला सुनाया है।

2009 में निचली अदालत ने सभी 9 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बृज बिहारी लालू प्रसाद यादव की पार्टी के सीनियर नेता था। कहा जाता है कि उनकी हत्या गैंगवार का नतीजा थी। हत्या के इस मामले में सूरजभान सिंह गिरोह के श्री प्रकाश शुक्ला का भी नाम सामने आया। आगे पूरे यूपी-बिहार में उसका खौफ फैल गया। जिसे STF ने गाजियाबाद में एक मुठभेड़ में मार गिराया। श्री प्रकाश शुक्ला के लिए ही यूपी में STF का गठन किया गया था।

सुरक्षा घेरे में रहते हुए भी उतारा मौत के घाट
90 के दशक में बिहार में बाहुबलियों का बोलबाला था। लूटपाट, अपहरण, डकैती, चोरी जैसी घटनाएं चरम पर थी। इसी दौरान गैंगवार की घटनाएं भी खुलकर सामने आई। इन बाहुबलियों को राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त था। 13 जून 1998 को बृज बिहारी प्रसाद अस्पताल में भर्ती थे। वे अस्पताल परिसर में अपने बॉडीगार्ड के सुरक्षा घेरे में टहल रहे थे। तभी उधर से एक एंबेसडर और एक सूमो कार पहुंची और उनकी हत्या कर दी गई। पटना थाने की रिपोर्ट के अनुसार, पहले गोली भूपेंद्रनाथ दुबे ने चलाई। उसके बाद मंटू तिवारी ने और फिर श्री प्रकाश शुक्ला ने भी मंत्री पर पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग की।

Read Also: Bihar Flood : बिहार में वज्रपात से 21 की मौत, बाढ़ का खतरा मंडराया

Related Articles