रांची , नवंबर 18, 2024: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रांची में एक प्रेस वार्ता के दौरान मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि “हम संविधान को बचा रहे हैं,” और बेरोजगारी की बढ़ती समस्या का कारण नरेंद्र मोदी सरकार की गलत नीतियां, विशेष रूप से नोटबंदी और जीएसटी को ठहराया। उनका मानना था कि ये नीतियां छोटे व्यापारियों के लिए हानिकारक साबित हुईं और देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डाला है।
नोटबंदी और जीएसटी: छोटे व्यापारियों पर दबाव
राहुल गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी को छोटे व्यापारियों के लिए कहा कि इन दोनों उपायों से देश के छोटे कारोबारियों को समाप्त करने की साजिश रची गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब इसलिए किया गया ताकि बड़े कारोबारी समूहों को फायदा पहुंचे और छोटे व्यापार खत्म हो जाएं।
“सच्चाई यह है कि हिंदुस्तान में रोजगार पैदा करना आसान नहीं है। बड़े व्यापारियों का 16 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए गए हैं, जबकि छोटे कारोबारी संघर्ष कर रहे हैं,” राहुल गांधी ने कहा उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों को रोजगार सृजन के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट बताया।
मणिपुर हिंसा पर चिंता और सरकार की निष्क्रियता
राहुल गांधी ने मणिपुर में जारी हिंसा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि “डेढ़ साल हो गए हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर नहीं गए हैं।” उनके अनुसार, मणिपुर में हिंसा की स्थिति को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि नफरत फैलाने की राजनीति जारी रही, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय
राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि उनकी पार्टी इसका समर्थन करती है। उन्होंने बताया कि झारखंड, तेलंगाना और कर्नाटका में जातिगत जनगणना के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उनका मानना है कि जातिगत जनगणना से यह पता चलेगा कि ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदायों के लिए कितना प्रतिनिधित्व और विकास हुआ है।
न्याय की योजना और सरकारी हस्तक्षेप
कांग्रेस नेता ने सरकार की मुफ्त योजनाओं के खिलाफ भी आवाज उठाई। उन्होंने कहा, “हमारी योजना न्याय की योजना है, न कि मुफ्त का लालच।” राहुल गांधी ने सरकारी योजनाओं के संदर्भ में कहा कि जब अडानी और अंबानी को 16 लाख करोड़ रुपये दिए जाते हैं, तो मीडिया इसे विकास मानता है, लेकिन जब उनकी पार्टी महिलाओं को 2500 रुपये देती है, तो इसे ‘फ्री की योजना’ कहा जाता है।
उन्होंने झारखंड के वित्तीय संसाधनों का मुद्दा उठाया और कहा कि राज्य के पास पर्याप्त पैसा है, जिसे राज्य सरकार की योजनाओं में उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र से झारखंड का हिस्सा लौटाने की मांग की।
दुर्भाग्यपूर्ण ड्यू प्रोसेस और सरकारी नीतियां
राहुल गांधी ने मोदी सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि एयरपोर्ट, बंदरगाह, और अन्य सरकारी संपत्तियां अडानी को सौंपने का फैसला ड्यू प्रोसेस का उल्लंघन है। उनका कहना था कि महाराष्ट्र सरकार को गिराने की साजिशों में भी अडानी का हाथ है।
आर्थिक असमानता और बेरोजगारी
राहुल गांधी ने बेरोजगारी के बढ़ते संकट को भी प्रमुखता से उठाया। उनका मानना था कि बेरोजगारी इसलिए बढ़ी है क्योंकि देश का धन कुछ बड़े उद्योगपतियों के हाथ में सिमट गया है। उन्होंने कहा कि 20-25 उद्योगपतियों के पास देश का लगभग पूरा धन है, जबकि आम आदमी के पास कोई विकल्प नहीं है।
राहुल गांधी की यह प्रेस वार्ता, मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ उनकी लगातार आवाज़ को सामने लाती है। उनकी पार्टी ने आर्थिक और सामाजिक न्याय के लिए कई मुद्दों को उठाया है, जिनमें बेरोजगारी, जातिगत जनगणना और सरकारी नीतियों की पारदर्शिता प्रमुख हैं।
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