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Jharkhand News : पलामू में बाल श्रमिकों की मुक्ति के लिए जून भर चलेगा विशेष अभियान, हरिहरगंज से पांच बच्चों को कराया गया मुक्त

by Rakesh Pandey
Palamu -Child- Labor -Campaign
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पलामू : जिले में बाल मजदूरी और बाल तस्करी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र श्रम विभाग, बाल संरक्षण आयोग (CWC), चाइल्डलाइन और गैर-सरकारी संस्था अग्रगति की संयुक्त टीम द्वारा एक महीने तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक हरिहरगंज क्षेत्र में पांच बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है, जो लाइन होटलों में कार्यरत थे।

बाल मजदूरी के खिलाफ संयुक्त अभियान

श्रम अधीक्षक एतवारी महतो के नेतृत्व में गठित टीम पूरे जून महीने जिले के विभिन्न इलाकों में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर रही है। हरिहरगंज के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में भी दर्जनों बाल श्रमिकों की पहचान की गई है, जिनकी मुक्ति प्रक्रिया चल रही है।

श्रम अधीक्षक एतवारी महतो ने कहा, “पूरे जून में बाल श्रम के विरुद्ध अभियान चलाया जाएगा। होटल, रेस्टोरेंट, रेलवे स्टेशन जैसे स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। बाल श्रम से मुक्त बच्चों को बाल गृह भेजा गया है और दोषियों के खिलाफ कानूनन कार्रवाई हो रही है।”

बाल श्रमिकों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था

छापेमारी के दौरान मुक्त किए गए सभी बच्चों को बाल गृह या बालिका गृह में भेजा जा रहा है। बाद में परिजनों की काउंसलिंग कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाता है। बच्चों के शैक्षणिक और सामाजिक पुनर्वास के लिए योजनाबद्ध प्रक्रिया अपनाई जाती है।

मुख्य पुनर्वास उपाय:

बाल श्रमिकों के परिजनों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना
समाज कल्याण विभाग द्वारा ₹4000 मासिक स्कॉलरशिप
बाल गृह में अस्थायी संरक्षण
परिजनों को बाल श्रम न कराने की शपथ दिलाना
रेलवे स्टेशनों पर भी सख्त निगरानी

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। डाल्टनगंज और गढ़वा रोड रेलवे स्टेशन पर बीते एक साल में 20 से अधिक बाल श्रमिकों को तस्करी से बचाया गया है। अब अभियान के तहत स्टेशन परिसर में संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।

आंकड़े और कार्रवाई

2024 में अब तक: पलामू से 15 बाल श्रमिक मुक्त कराए गए
जून माह में अब तक: 8 बाल श्रमिकों की मुक्ति
हरिहरगंज से छापेमारी में: 5 बच्चे मुक्त, होटल मालिकों पर कार्रवाई
रेलवे स्टेशनों से: 20+ बच्चों को RPF ने मुक्त कराया

नक्सली और तस्करी नेटवर्क का खतरा

पूर्व में नक्सली संगठनों द्वारा बच्चों को लक्ष्य बनाया जाता था, परंतु अब बाल तस्कर गिरोह भी सक्रिय हैं। वे बच्चों को कम उम्र में होटल, निर्माण और घरेलू कार्यों में लगा देते हैं। यह अभियान इन तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने का भी प्रयास है।

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