Chakradharpur (Jharkhand) : पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल के ट्रैक मेंटेनरों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन के अथक प्रयासों और लंबे संघर्ष के बाद, रेलवे प्रशासन ने ट्रैक मेंटेनरों को एक बार फिर साइकिल मेंटेनेंस भत्ता देने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस निर्णय से हजारों ट्रैक मेंटेनरों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई है, जो रोजाना अपनी साइकिलों से दुर्गम पटरियों पर पहुंचकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं।
यूनियन की मेहनत लाई रंग
ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चांद मोहम्मद ने इस खुशखबरी की पुष्टि करते हुए प्रेस को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूनियन लंबे समय से इस भत्ते को पुनः शुरू करवाने के लिए प्रयासरत थी। रेलवे प्रशासन के साथ कई दौर की पत्राचार और सकारात्मक वार्ताओं के बाद आखिरकार यह सफलता हाथ लगी है।
श्री मोहम्मद ने कहा, “यह हमारे ट्रैक मेंटेनर भाइयों के धैर्य और यूनियन के सामूहिक संघर्ष की जीत है। हम रेलवे बोर्ड और संबंधित अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने हमारी जायज मांग को समझा और इसे स्वीकृति प्रदान की।”
कितना मिलेगा भत्ता और कब से?
रेलवे द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, अब प्रत्येक ट्रैक मेंटेनर को 180 रुपये प्रति माह साइकिल रखरखाव भत्ता प्रदान किया जाएगा। यह भत्ता सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत स्वीकृत किया गया है और इसे वर्ष 2017 से प्रभावी माना जाएगा। इसका सीधा अर्थ है कि सभी पात्र ट्रैक मेंटेनरों को न केवल बढ़ा हुआ भत्ता मिलेगा, बल्कि उन्हें पिछले वर्षों का एरियर भी भुगतान किया जाएगा, जो उनके लिए एक बड़ी आर्थिक सहायता होगी।
पहले मिलता था मामूली भत्ता, फिर हुआ बंद
गौरतलब है कि पहले ट्रैक मेंटेनरों को साइकिल भत्ते के रूप में मात्र 75 रुपये प्रति माह दिए जाते थे। लेकिन कुछ वर्ष पूर्व इस भत्ते को बिना किसी ठोस कारण के बंद कर दिया गया था, जिससे ट्रैक मेंटेनरों में भारी निराशा थी। उन्हें अपने सीमित वेतन से ही साइकिल के रखरखाव का खर्च वहन करना पड़ रहा था, जो उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रहा था। यूनियन ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और लगातार इसकी बहाली की मांग करती रही।
कैसे मिलेगा भत्ता और एरियर?
चांद मोहम्मद ने सभी ट्रैक मेंटेनरों से अपील की है कि वे इस भत्ते और एरियर का लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द निर्धारित ऑप्शन फॉर्म भरकर अपने संबंधित कार्यालय में जमा करें। उन्होंने कहा, “समय पर फॉर्म जमा करने से यह सुनिश्चित होगा कि भत्ता और एरियर का भुगतान बिना किसी देरी के उनके खातों में हो सके।”
आर्थिक सशक्तिकरण की ओर एक कदम
यह निर्णय न केवल ट्रैक मेंटेनरों के अथक परिश्रम और संघर्ष का सम्मान है, बल्कि उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। रोजाना कई किलोमीटर साइकिल चलाकर रेलवे पटरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले इन गुमनाम नायकों के लिए यह भत्ता निश्चित रूप से एक बड़ी राहत लेकर आया है। यूनियन ने इस फैसले के लिए एक बार फिर रेलवे प्रशासन का धन्यवाद किया है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी ट्रैक मेंटेनरों के कल्याण के लिए ऐसे सकारात्मक कदम उठाए जाते रहेंगे।