रांची : बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु से राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की पदयात्रा शुरू होगी। 5 दिन बाद यात्रा मोरहाबादी में आकर समाप्त होगी। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की राजीव गांधी पंचायती राज विभाग की पदयात्रा 19 मार्च से शुरू होगी। पांच दिनों तक चलने वाली इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य पंचायती राज और स्थानीय शासन के प्रति लोगों जागरूक करना है। पदयात्रा के समापन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश शामिल होंगे। यह जानकारी शांतनु मिश्रा ने दी।
झारखंड में घट गए वन, भूमि बंजर
सुनीत शर्मा ने कहा कि बिरसा मुंडा की जन्मस्थली से ये यात्रा 19 मार्च से शुरू होगी। यात्रा जंगल और देहात के रास्ते लोगों से मिलते हुए रांची पहुंचेगी। इस दौरान लोगों की समस्याओं से भी अवगत होंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड बना तो इसे लैंड ऑफ फॉरेस्ट कहा जाता था। आज स्थिति यह कि वन क्षेत्र बढ़ा लेकिन वन घट गया है। वन विभाग के आंकड़ों में झारखंड के कुल क्षेत्रफल का 29 प्रतिशत वन क्षेत्र दिखाया गया है। जबकि वास्तविकता यह है कि लगभग 20% भूमि पर जंगल बचे हैं। शेष जमीन बंजर भूमि है।
जारी है जंगलों की कटाई
राष्ट्रीय वन नीति 1988 में कहा गया है कि कुल क्षेत्रफल का 33% क्षेत्र वन आच्छादित क्षेत्र होना चाहिए। झारखंड राज्य का निर्माण और इसके नाम दोनों में यह स्पष्ट है कि राज्य वन आच्छादित राज्य है। बावजूद इसके लगातार जंगलों की कटाई हो रही है नए पौधे नहीं लगाए जा रहे हैं। वन विभाग के द्वारा इन विषयों पर उदासीन रवैया है। जिसका सीधा असर इस राज्य में रहने वाले आदिवासी और मूलवासी के जीवन पर पड़ रहा है। वन अधिकार अधिनियम 2006 आम नागरिकों को अधिकार देता है कि वह अपना जीवन यापन अपने क्षेत्र के वन से पूरा करेंगे। जब राज्य में जंगल ही नहीं बचेगा तो जंगल पर निर्भर रहने वाले आदिवासी और मूलवासी के जीवन में संकट होना तय है। आज इस राज्य में खनन और अवैध कटाई से जंगल समाप्त हो रहे हैं।
पेयजल की बड़ी समस्या
शांतनु मिश्रा ने कहा कि झारखंड में पेयजल एक बड़ी समस्या रही है। हमारे राज्य में कोई बड़ी नदियां नहीं है
जल जीवन मिशन के माध्यम से नदियों के भूगर्भ जल का दोहन हो रहा है। लेकिन उसके संचय की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। उसकी भी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। पंचायती राज अधिनियम के माध्यम से राज्य में पेसा कानून 1996 पूर्ण रूप से लागू करना, पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों को 73 वें और 74 वें संविधान संशोधन से प्रदत्त 29 विभागों के अधिकार मिले।
विसंगतियों को दूर करने की मांग
नगर निकाय एवं पंचायत की स्वायत्तता बची रहे यह इस यात्रा का उद्देश्य है। नगर निकाय चुनाव के विसंगतियों को दूर करना जैसे 30 वर्ष की आयु सीमा से कम व्यक्ति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव लड़ने पर पाबंदी को खत्म करना। रघुवर सरकार के प्रावधान जिसमें 9 फरवरी 2013 के बाद जिस व्यक्ति के तीन बच्चे हो उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना यह प्रतिनिधित्व के अधिकार का हनन है। पंचायती राज संगठन इस बात का विरोध करती है कि किसी भी व्यक्ति को उनके बच्चों के आधार पर या उसके उम्र सीमा के आधार पर चुनाव लड़ने से रोकना गलत है। उन्होंने कहा कि पदयात्रा के बाद राज्यपाल को भी सभी मामलों से अवगत कराया जाएगा।
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