पटना : बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष राजवर्धन आजाद को राज्य विधान परिषद के लिए नामित किया गया है। शुक्रवार को इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की गयी। अधिसूचना के अनुसार, आजाद का नामांकन पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाह के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट की पृष्ठभूमि में हुआ है।
इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) छोड़कर अपना अलग संगठन बनाने वाले कुशवाहा ने 24 फरवरी को अपनी परिषद की सदस्यता छोड़ दी थी।
आजाद पूर्व में एक प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में नेत्र विज्ञान विभाग के संकाय सदस्य रहे हैं। नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले आजाद ने 2014 में झारखंड के गोड्डा से जदयू के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
उन्हें 2019 में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। राजवर्धन आजाद के दिवंगत पिता भागवत झा आजाद 1980 के दशक के अंत में बिहार के मुख्यमंत्री थे, जबकि उनके भाई कीर्ति आजाद क्रिकेटर से राजनेता बने हैं, जो पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में थे लेकिन अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के साथ हैं। बिहार विधान परिषद में 75 सीटें हैं और इसके सदस्य विधानसभा, स्थानीय निकायों, स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं या राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा नामित होते हैं।