रामगढ़ : झारखंड के रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड स्थित कुजू क्षेत्र की तोपा परियोजना में स्टील-टू ग्रेड कोयला के विशाल स्टॉक में भीषण आग लग गई है। आग की लपटें इतनी तेज़ हैं कि पूरे खदान क्षेत्र में धुएं और अंधेरे का माहौल बन गया है। आग बुझाने के लिए दमकल, होलपैक, पानी टैंकर और डोजर की मदद से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन आग की तेजी को देखकर यह अंदेशा गहराता जा रहा है कि अधिकांश कोयला राख में तब्दील हो सकता है।
1 लाख मीट्रिक टन कोयला जलने की कगार पर
सूत्रों के मुताबिक, इस स्टॉक में करीब 1 लाख मीट्रिक टन कोयला जमा है। पिछले चार दिनों से लगातार धुआं निकल रहा था, लेकिन परियोजना प्रबंधन की तरफ से कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की गई। सोमवार को जब आग की लपटें भड़क उठीं, तब जाकर आनन-फानन में बुझाने की कोशिश शुरू हुई।
प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतने बड़े हादसे के बावजूद परियोजना के अधिकारी और खान प्रबंधन छुट्टी पर चले गए हैं। न ही कार्यकारी परियोजना पदाधिकारी से संपर्क हो पाया और न ही खान प्रबंधक ने फोन उठाया। जब महाप्रबंधक से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वे रांची स्थित सीसीएल मुख्यालय में मीटिंग में हैं।
आग लगने के पीछे स्टॉक जमा होने की वजह
सीसीएल अधिकारी ने अनौपचारिक रूप से बताया कि यह कोयला केदला वाशरी में डिस्पैच किया जा रहा था। लेकिन, पिछले एक महीने से डिस्पैच बंद है, जिससे स्टॉक बढ़ता गया और आखिरकार उसमें आग लग गई।
मुख्य बिंदु
• तोपा परियोजना के कोयला स्टॉक में भीषण आग
• लगभग 1 लाख टन कोयले का नुकसान संभव
• प्रबंधन की लापरवाही से बड़ा हादसा
• डिस्पैच बंद होने से स्टॉक जमा, फिर लगी आग
यह घटना न सिर्फ खनन सुरक्षा प्रबंधन की असफलता को उजागर करती है, बल्कि पर्यावरणीय नुकसान और लाखों रुपये के कोयला संपत्ति के नुकसान की ओर भी संकेत करती है।