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RANCHI : 1900 यूनिट रक्तदान करने वाली संस्था अन्नदानं और कनेक्टिंग होप्स दूसरी सबसे बड़े रक्त शिविर संगठन के रूप में सम्मानित

by Rakesh Pandey
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रांची : जैसा कि हम सभी जानते हैं कि 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक यूनिट रक्त एक बार में 3 लोगों की जान बचाता है यानी 350 एमएल। यह दिन स्वैच्छिक, अवैतनिक रक्तदान के महत्व पर जोर देता है और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में सुरक्षित और पर्याप्त रक्त आपूर्ति की निरंतर आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। यह एकजुटता, करुणा और परोपकारिता के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए समुदायों, संगठनों और स्वास्थ्य पेशेवरों को एक साथ लाता है। विश्व रक्तदाता दिवस एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि प्रत्येक रक्तदाता एक नायक है, उनका योगदान जरूरतमंद लोगों के लिए जीवन रेखा के रूप में कार्य करता है। हम कनेक्टिंग होप्स और अन्नदानम धुर्वा की टीम 2018 से रक्त संबंधी मुद्दों के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। हमने कोरोना के समय में रिम्स ब्लड बैंक के साथ मिलकर स्थिति खराब होने के बावजूद जरूरतमंदों को रक्त और प्लाज्मा उपलब्ध कराने का काम किया है।

रिम्स ब्लड बैंक और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा हमें झारखंड में कुल 1900 यूनिट के साथ दूसरे सबसे बड़े रक्त शिविर संगठन के रूप में सम्मानित किया गया है। हमें रांची जिले में प्रथम रक्तदाता प्रदाता के रूप में भी सम्मानित किया गया है। वर्ष 2023 में हमें पुनः झारखंड के रिम्स ब्लड बैंक में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल 890 यूनिट के साथ सर्वश्रेष्ठ रक्त शिविर आयोजक के रूप में सम्मानित किया गया है। हमारे सक्रिय सदस्य रंजन कुमार (कनेक्टिंग होप्स) और प्रभात कुमार राजन (अन्नदानं, धुर्वा) अपनी टीम के सदस्यों यानी कुशाग्र चौहान, राधा कुमारी, अरुण कुमार, दीपक कुमार, हर्षित सिंह, अमर आर्य और कई अन्य लोगों के साथ समय की परवाह किए बिना बहुत मेहनत कर रहे हैं और ऊर्जा। कनेक्टिंग होप्स और अन्नदान धुर्वा ने ना केवल रांची अपितु रॉंची के बगल के जिलो लोहरदगा, चतरा , पलामू , खूंटी, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर रामगढ़ जैसे जिलों में रक्तदान शिविर का आयोजन करके रिम्स को हजारों यूनिट रक्त सौंपा यही नहीं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों नक्सली प्रभावी क्षेत्रों बुडमू , कुडू, बुंडू, रामपुर, रातु, लोधमा, बेड़ो, कर्रा जहां लोगों मे रक्तदान भय का बहुत बड़ा कारण था वह महीनों तक जागरूक अभियान चलाकर रक्तदान शिविर आयोजित किया और सैकड़ों यूनिट ब्लड रिम्स को सौंपा।

कनेक्टिग होप्स और अन्नदान धुर्वा में खास करके शिक्षा संस्थानों और मिलिट्री कैंप को प्राथमिकता देकर रक्तदान से जोड़ा जो नियमित 6 महीना में डोनेशन कराते हैं कनेक्टिंग हॉप्स और अन्नदान धुर्वा के द्वारा जन्मदिन पुण्यतिथि और सालगिरह , सामाजिक कार्यक्रमों में आदि के अवसर पर रक्तदान शिविर लगाने कि परंपरा आरंभ हुई जो आज काफी प्रचलित है और आजकल के युवा इससे अधिक प्रभावित हैं। हम एक टीम के रूप में रक्त के मामले में मानवता की सेवा करने के लिए हमेशा अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे। रंजन कुमार ने भी अभी तक 48बार रक्तदान कर चुके है।

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