RANCHI (JHARKHAND): नशा मुक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में रांची में एक अहम कदम उठाया गया है। सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम सह प्रशिक्षण का समापन किया गया। इसके साथ ही बताया गया कि जिले में 12 जून से लेकर 26 जून तक व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। डिस्ट्रिक्ट रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ ऑफिसर (डीआरसीएचओ) डॉ. असीम मांझी ने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बाधित करता है। इससे मानसिक क्षमता में गिरावट आती है।
नशे की गिरफ्त में युवा
उन्होंने कहा कि देश में करीब 10 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में नशे की गिरफ्त में हैं, जिनमें बड़ी संख्या युवाओं की है। यदि समय रहते इसे नहीं रोका गया तो यह सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए बड़ा संकट बन सकता है। उन्होंने युवाओं को खेल-कूद, सामाजिक और राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
नशा देश-राज्य की प्रगति में बाधा
जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रवीण कुमार सिंह ने सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि वे इस ज्ञान का उपयोग प्रखंड व पंचायत स्तर पर जाकर लोगों को जागरूक करने में करें। उन्होंने कहा कि नशा देश और राज्य की प्रगति में एक बड़ी बाधा है, जिसे केवल सामाजिक भागीदारी से ही खत्म किया जा सकता है।
नशे की ओर आकर्षित न हों युवा
जिला परामर्शी टोबैको कंट्रोल सेल सुशांत कुमार ने बताया कि मादक पदार्थों की लत बहुत तेजी से लगती है और इससे बाहर निकलना कठिन होता है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे किसी भी स्थिति में नशे की ओर आकर्षित न हों। इस अभियान के अंतर्गत शहरी क्षेत्र एवं सभी प्रखंडों के मोहल्लों, चौक-चौराहों, पंचायतों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर नुक्कड़ नाटक, जन संवाद, पोस्टर-बैनर और पंपलेट के माध्यम से आमजन को नशा के दुष्परिणामों के प्रति सचेत किया जाएगा। वहीं ब्लॉक और पंचायत स्तर पर बैठक आयोजित कर समुदाय के लोगों को नशे की लत से बचने की सलाह दी जाएगी। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि किस तरह नशा व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक जीवन को प्रभावित करता है। इस दौरान यह भी बताया गया कि सार्वजनिक स्थानों पर नशा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा।