रांची: राजधानी में अब बिना ट्रेड लाइसेंस के चल रहे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। रांची नगर निगम ने सभी प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे वैध ट्रेड लाइसेंस ले लें। अगर किसी स्कूल के पास यह लाइसेंस नहीं होता है, तो उसे निगम द्वारा सील कर दिया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि किसी भी तरह के कारोबार के लिए ट्रेड लाइसेंस लिया जाए। बता दें कि हर गली-मोहल्ले में बिना किसी निगरानी के छोटे-छोटे किड्स और प्राइमरी स्कूल खुल रहे हैं।
तत्काल करना होगा आवेदन
निगम प्रशासन ने इस बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही कहा है कि जिन स्कूलों ने अभी तक ट्रेड लाइसेंस प्राप्त नहीं किया है, उन्हें तत्काल आवेदन करना होगा। ट्रेड लाइसेंस जांच के लिए अभियान जारी है। ऐसे में बिना लाइसेंस के चल रहे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसके तहत उन्हें पेनाल्टी भी भरना पड़ेगा। इसके बाद स्कूलों को कानूनी रूप से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा।
नियम विरुद्ध हो रहा संचालन
निगम का कहना है कि इन छोटे और बिना लाइसेंस वाले स्कूलों का संचालन नियमों के विरुद्ध हो रहा है। ये स्कूल शहरी योजनाओं और जोन नियमों का उल्लंघन करते हुए खुले हैं। जिससे शहर में भी कई तरह की समस्याएं हो रही है। ट्रेड लाइसेंस देने का उद्देश्य यह है कि हर स्कूल का संचालन व्यवस्थित हो और वह सभी नियमों का पालन करे। इससे न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि स्कूलों का मानक भी बढ़ेगा।
लगातार मिल रही है शिकायत
बिना लाइसेंस के स्कूलों के खुलने की शिकायतें मिल रही है। इन स्कूलों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब निगम के लिए इनका नियंत्रण मुश्किल हो गया है। स्कूलों के द्वारा बिना उचित अनुमति के ऑपरेशन करने से शहर में व्यावासिक गतिविधियों का सही तरीके से संचालन प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा निगम ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी स्कूलों को अब अपनी होल्डिंग को भी कॉमर्शियल श्रेणी में दर्ज कराना होगा। वहीं जो स्कूल रेंट पर चल रहे हैं उन मकान मालिकों को भी अपने भवन का कमर्शियल होल्डिंग कराना होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूलों का संचालन सही तरीके से किया जा रहा है। वहीं टैक्स और अन्य शुल्क वसूल किए जा सकेंगे।
डिसप्ले बोर्ड पर लगाना है ट्रेड लाइसेंस
नियम के अनुसार नगर निगम से कोई भी कारोबार करने के लिए ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इसके बाद ट्रेड लाइसेंस को डिसप्ले बोर्ड पर भी लगाना है। जिससे कि जांच के दौरान इसे आसानी से देखा जा सके न इतना ही नहीं पैरेंट्स को भी ये जानकारी मिल जाएगी कि स्कूल ने ट्रेड लाइसेंस लिया है।