रांची : झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान में पिछले चार दिनों में चार ऑस्ट्रेलियन एमू और एक मगरमच्छ की रहस्यमयी मौत ने हर किसी को चौंका दिया है। जू के कर्मचारियों के मुताबिक, सभी एमू की मौत बीमार पड़ने के 10 मिनट के भीतर हुई, जिससे मौत की वजह को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
क्या है मौत की वजह?
हालांकि, जू के निदेशक जब्बार सिंह और पशु चिकित्सक डॉ. ओमप्रकाश ने बर्ड फ्लू की संभावना से इनकार किया है, लेकिन कर्मचारियों ने यह आशंका जताई है कि एमू की मौत बर्ड फ्लू के कारण हो सकती है। डॉ. ओमप्रकाश के अनुसार, प्रारंभिक जांच में इन पक्षियों की मौत बैक्टीरियल इंफेक्शन से हुई है, न कि बर्ड फ्लू से।
उन्होंने बताया कि सभी पक्षियों का पोस्टमार्टम किया गया, लेकिन बर्ड फ्लू जैसे लक्षण नहीं पाए गए। सैंपल भी जांच के लिए भेजे नहीं गए हैं। इसके बावजूद, जू में एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। सभी पक्षियों के बाड़े के आसपास घेराबंदी की गई है, और वहां तीन बार स्प्रे किया जा चुका है। चूने का भी छिड़काव किया गया है और अन्य पक्षियों को मल्टीविटामिन दिए जा रहे हैं।
क्या था मगरमच्छ की मौत का कारण?
बिरसा जैविक उद्यान में कुछ दिन पहले ही मुक्ता प्रजनन केंद्र से एक मगरमच्छ लाया गया था, जिसकी उम्र लगभग 45 वर्ष थी। रविवार को उसकी भी मौत हो गई। डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि उम्रदराज होने के कारण ही उसकी मौत हुई। पोस्टमार्टम के बाद मगरमच्छ को जू परिसर में ही जला दिया गया।
बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ा
यह घटना उस समय हुई है जब रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पॉल्ट्री फॉर्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी थी। फरवरी के दूसरे सप्ताह में, करीब 150 मुर्गियां और दर्जन भर बटेरों की मौत हुई थी। पशु रोग संस्थान द्वारा किए गए टेस्ट में एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) यानी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गई थी।