RANCHI (JHARKHAND) : सावन के पहले दिन शुक्रवार को रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सुबह से ही बाबा के दर्शन और जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार मंदिर की सीढ़ियों पर दिखीं। लोगों ने बाबा का जलाभिषेक कर आशीर्वाद मांगा। रांची शहर के बीचों-बीच स्थित इस मंदिर में हर साल सावन में हजारों श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं, लेकिन सावन में यहां भक्तों की संख्या सबसे अधिक रहती है।
पूरी होती हैं मनोकामनाएं
भक्तों का मानना है कि सावन के महीने में भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। इसलिए कई श्रद्धालु अपने परिवार के साथ अहले सुबह ही मंदिर पहुंच गए। भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए मंदिर प्रबंधन समिति और प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है। भीड़ प्रबंधन के लिए मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए इंतजाम किए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के दर्शन का अवसर मिल सके।
सीसीटीवी से हो रही निगरानी
सुरक्षा के लिहाज से मंदिर परिसर में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल और महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही मेडिकल टीम और एंबुलेंस भी मौके पर तैनात हैं, ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत मदद की जा सके। मंदिर प्रबंधन ने सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भीड़ की निगरानी की व्यवस्था भी की है।
इसलिए भी खास है पहाड़ी
पहाड़ी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी इसे विशेष बनाता है। यह मंदिर कभी स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देने के स्थान के रूप में भी जाना जाता था। स्वतंत्रता संग्राम के प्रति सम्मान में हर वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। मंदिर की ऊंचाई से रांची शहर का सुंदर दृश्य भी भक्तों को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है।मंदिर पहुंचे कई भक्तों ने बताया कि सावन का पहला दिन बहुत ही विशेष होता है और बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद लेकर शांति की अनुभूति होती है। रांची का पहाड़ी मंदिर आस्था और भक्ति का केंद्र है, जहां हर साल सावन में भगवान शिव के जयकारों से वातावरण गूंज उठता है।
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