RANCHI: रांची नगर निगम शहर को साफ और सुंदर बनाने को लेकर योजनाएं बना रहा है। उसे धरातल पर भी उतारा जा रहा है। लेकिन अनदेखी के कारण योजनाएं धरातल पर उतरने के बाद दुर्दशा का शिकार हो रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ढाई लाख के वर्टिकल गार्डन में पौधा ही नहीं है। वह भी कई दिनों से। इसके बावजूद संबंधित विभाग के लोगों की नजर इस पर नहीं पड़ी है। ऐसे में ये हरमू नदी के किनारे खड़े होकर लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है।
बदहाली का हो रहा शिकार
शहर की सुंदरता बढ़ाने और हरियाली को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लगाए गए वर्टिकल गार्डन अब बदहाली का शिकार हो रहे हैं। करीब ढाई लाख रुपये की लागत से तैयार किए गए इन वर्टिकल गार्डनों में कई स्थानों पर पौधे ही नजर नहीं आ रहे हैं, जबकि कुछ जगहों पर पौधे पूरी तरह सूख चुके हैं। निगम की यह महत्वाकांक्षी योजना अब रखरखाव के अभाव में सवालों के घेरे में आ गई है।
एक दर्जन जगहों पर इंस्टॉल
शहर के प्रमुख चौक-चौराहों और सड़कों के किनारे रांची नगर निगम ने वर्टिकल गार्डन इंस्टॉल कराए थे। एक दर्जन से अधिक स्थानों पर इन गार्डनों को इंस्टॉल किया गया था। जिसका उद्देश्य हरियाली और सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देना था। शुरुआती दिनों में इन वर्टिकल गार्डनों ने लोगों का ध्यान आकर्षित भी किया। वहीं लोगों के लिए ये सेल्फी प्वाइंट भी बना रहा। लेकिन समय के साथ निगम की अनदेखी के कारण इनकी स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।
हरमू किनारे सूखा वर्टिकल गार्डन
सबसे ज्यादा खराब स्थिति हरमू नदी किनारे लगाए गए वर्टिकल गार्डन की है। यहां लगाए गए पौधे पूरी तरह सूख चुके हैं। उसमें हरियाली का नामोनिशान नहीं है। सूखे पौधे और खाली गमले निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जबकि इस रास्ते से सीएम से लेकर मंत्री व अधिकारी सभी गुजरते है। इसके बावजूद इस गार्डन पर किसी का ध्यान नहीं है।
देखरेख के अभाव में बर्बाद
स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्टिकल गार्डन लगाने के बाद उनकी नियमित देखरेख नहीं की गई। न तो समय पर पानी दिया गया और न ही सूख चुके पौधों को बदला गया। लोगों का आरोप है कि लाखों रुपये खर्च करने के बाद यदि रखरखाव की व्यवस्था नहीं की जा सकती, तो ऐसी योजनाओं का कोई औचित्य ही नहीं है। हालांकि प्रशासक सुशांत गौरव ने कहा कि ऐसी जानकारी तो फिलहाल नहीं है। मामले को मैं देखता हूं।

