नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 10 फरवरी 2024 को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि अब लोन लेने वालों को अलग से प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी होगी। यह फैसला 1 अप्रैल 2024 से लागू होगा।
नया घर खरीदना और या फिर कार खरीदनी हो तो हमको कुछ पैसा लोन के माध्यम से लेना पड़ता है और इसके लिए बैंक जाना पड़ता है। ऐसे में जाते ही जैसे ही लोन की बात शुरू होती है तो पहले ही प्रोसेसिंग फीस के बारे में बता दिया जाता है। लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बड़ी राहत दी है और वो ये की लोन के साथ लगने वाले डॉक्यूमेंटेशन, प्रोसेसिंग शुल्क और अन्य तरह के चार्ज अलग से नहीं देने होंगे। अब ये उनके लोन के ब्याज में ही जुड़ जाएंगे।
RBI के इस फैसले के बाद बैंकों को यह करना होगा
बैंकों को लोन के प्रोसेसिंग फीस और डॉक्यूमेंटेशन चार्ज को लोन की ब्याज दर में शामिल करना होगा। बैंकों को लोन के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लेने दिया जाएगा। वहीं बैंकों को ‘Key Facts Statements'(KFS) में लोन से जुड़ी सभी जानकारी देनी होगी। KFS में लोन की ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंटेशन चार्ज, और अन्य शुल्कों का उल्लेख होगा।
आरबीआई ने यह फैसला क्यों लिया?
RBI ने यह फैसला लोन लेने वालों के लिए लोन प्रक्रिया को आसान बनाने और पारदर्शी बनाने के लिए लिया है। इस फैसले से लोन लेने वालों को लोन की कुल लागत का बेहतर अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।
इस फैसले का क्या होगा असर?
इस फैसले का लोन लेने वालों और बैंकों दोनों पर असर होगा। लोन लेने वालों को लोन पर कम खर्च करना होगा, जबकि बैंकों को अपनी आय में कमी हो सकती है। आरबीआई का यह फैसला लोन लेने वालों के लिए एक बड़ी राहत है। यह फैसला लोन प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा।
READ ALSO : Women Pregnant In West Bengal Jails : बंगाल की जेलों में गर्भवती हो रहीं महिला कैदी, जन्मे 196 बच्चे