धनबाद : ऊर्जा भंडारण की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव की संभावना दिख रही है। IIT ISM धनबाद में चल रहे रिसर्च प्रोजेक्ट में वैज्ञानिक लिथियम आयन बैटरी की जगह सोडियम आयन बैटरी के विकल्प पर काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह रिसर्च सफल होता है, तो भारत न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि आम लोगों को सस्ती और सुलभ बैटरी तकनीक भी मिल सकेगी।
सोडियम आयन बैटरी क्यों है बेहतर विकल्प?
भारत में लिथियम के खनिज स्रोत नहीं हैं। इसके विपरीत, सोडियम, आयरन और मैंगनीज जैसे खनिज देश में प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं। लिथियम आयन बैटरियों के निर्माण के लिए कोबाल्ट, टाइटेनियम और निकल की आवश्यकता होती है, जो या तो आयात किए जाते हैं या विदेशों पर निर्भरता बनाते हैं। इसके चलते लिथियम बैटरी की लागत काफी अधिक हो जाती है।
प्रोफेसर जीसी नायक, केमिस्ट्री एंड कैपिटल बायोलॉजी विभाग, IIT ISM धनबाद, बताते हैं,
“सोडियम का आकार लिथियम से बड़ा होता है, लेकिन कार्य प्रणाली समान होती है। बैटरी के कैथोड में सोडियम का प्रयोग किया जाता है। यदि कैपेसिटी को बेहतर स्तर पर लाया गया, तो सोडियम आयन बैटरी व्यावसायिक रूप से लिथियम बैटरी का सबसे किफायती और सक्षम विकल्प बन सकती है।”
IIT ISM में चल रही है उन्नत रिसर्च
धनबाद स्थित IIT ISM इस दिशा में भारत का अग्रणी संस्थान बनकर उभरा है। यहां बैटरियों को कॉइन सेल के रूप में लैब में तैयार किया जा रहा है, जिन्हें बाद में इंडस्ट्री के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए भेजा जाएगा।
रिसर्च स्कॉलर खुशबू कुमारी ने जानकारी दी कि,
‘हम प्रयोगशाला में सोडियम आयन बैटरी के निर्माण पर काम कर रहे हैं और इंडस्ट्री के साथ मिलकर इसके बड़े स्तर पर निर्माण की योजना पर भी रिसर्च जारी है’।
अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारत की तैयारी
जहां एक ओर टेस्ला, अमेरिका और चीन जैसे देश सोडियम आयन बैटरी का व्यावसायीकरण कर चुके हैं, वहीं भारत अब इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। सरकार भी इस तकनीक को लेकर गंभीर है और रिसर्च को फंडिंग प्रदान कर रही है।
IIT ISM के निदेशक सुकुमार मिश्रा ने कहा,
सोडियम आयन बैटरी रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में बड़ा गेमचेंजर साबित होगी। हम चाहते हैं कि देश के आम नागरिकों को सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा मिले। इसी उद्देश्य से हमारा रिसर्च जारी है।
वाहनों और ऊर्जा भंडारण के लिए नया विकल्प
अब तक लिथियम आयन बैटरी का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों और एनर्जी स्टोरेज के लिए होता रहा है, लेकिन सोडियम आयन बैटरी इस दिशा में बेहतर विकल्प बन सकती है। टेस्ला जैसे ब्रांड पहले ही वाहनों में इसका प्रदर्शन कर चुके हैं।