चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के तांतनगर प्रखंड अंतर्गत ग्राम तुईबाना में ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान ने ईचा डैम के पुनः निर्माण पर बनी सहमति के विरोध में सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित टीएसी (ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल) के सदस्यों का आक्रोश और नारेबाजी कर विरोध जताया। डैम निर्माण को लेकर ग्रामीणों का विरोध जारी है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार निर्माण कार्य शुरू करने के लिए 126 गांव की ग्राम सभा से सहमति प्राप्त करना अनिवार्य है। फिर ईचा डैम निर्माण शुरू होने से स्थानीय ग्रामीणों, आदिवासी और मूलवासियों में आक्रोश देखा जा रहा है। सिंचाई के नाम पर विस्थापन और विनाश का खतरा मंडरा रहा है। पूर्व में हेमंत सोरेन की सरकार ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान और 87 गांव के उग्र आंदोलन को देखते हुए ईचा डैम का मुद्दा 12 मार्च 2020 को स्थगित करना पड़ा था।
10 अक्टूबर 2014 में टीएसी की उपसमिति ने तत्कालीन कल्याण मंत्री चम्पाई सोरेन की अध्यक्षता में समिति ने अपनी रिपोर्ट में परियोजना को रद्द करने और रैयतों को उनकी जमीन वापस करने की अनुशंसा की थी। संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बिरुली ने कहा कि अबुआ सरकार के मंत्री और विधायकों का आवास घेराव किया जाएगा। यह सरकार ईचा डैम का निर्माण कर किसका हित करना चाहती है। यह अब यह किसी से छिपा नहीं है। हेमंत सोरेन इसको सिर्फ एक मुद्दा बना कर आदिवासी मूलवासियों के वोट की राजनीति करते रहे हैं।
आदिवासी हितों के लिए जिस टीएसी द्वारा इस योजना को रद्द करने की अनुशंसा की गई थी। अब उसी संस्था से पुनः निर्माण के लिए सहमति दी जा रही है। डैम को छोटा कर 87 गांव से 18 गांव प्रभावित होने की बात कही जा रही। यह सरासर जुमला है। अबकी बार जनता इनके जुमले में फंसने वाली नहीं है।जल,जंगल और जमीन सिर्फ झामुमो की बन कर रह गई है। ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान विस्थापितों को एकजुट कर डैम को रद्द करने के लिए हरसंभव संघर्ष करेगी।
विरोध में ये हैं शामिल
बैठक में राज्य सरकार का विरोध करने वालों में पूर्व अध्यक्ष साधो पूर्ती, कृष्णा बानरा,रेयांश समड,,गुलिया कालुंडिया, रविन्द्र अल्डा, श्याम कुदादा, विशाल अल्डा, बिरसा गॉडसोरा, सतारी अल्डा, सोमा बुड़ीउलि, कालिया, महेश्वर देवगम, मिलन कालुंडिया, बुधु कालुंडिया, तारीकृष्ण कालुंडिया, बोने जोंकों, सोना बुड़ीउली, माली पूर्ति, सोना पूर्ति, मुनि पूर्ति, जिन्गी पूर्ति, मुनि, सुनीता, सीता गगराई आदि शामिल थे।