RANCHI (JHARKHAND): रिम्स रांची के कई भवन जर्जर हालत में हैं। इसको लेकर चिकित्सा अधीक्षक ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र जारी कर स्पष्ट निर्देश दिया है कि जर्जर भवनों और कमरों का उपयोग मरीजों के इलाज के लिए न किया जाए। पत्र में उल्लेख है कि अस्पताल निरीक्षण के दौरान कई जगह छत और दीवार की प्लास्टर गिरने की जानकारी मिली है, जिससे किसी भी समय गंभीर हादसा हो सकता है। बता दें कि द फोटोन न्यूज ने 2 जुलाई को ‘करोड़ों रुपये का फंड, फिर भी रिम्स में मरीजों के सिर पर मंडरा रहा खतरा’ खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमें बताया गया था कि सीलिंग से पानी टपक रहा है और प्लास्टर झड़ रहे हैं। इसके बाद अधिकारियों ने हॉस्पिटल के अलग अलग विभागों का निरीक्षण कर पत्र जारी किया है।
जर्जर भवनों का होगा जीर्णोद्धार
रिम्स प्रबंधन ने पत्र में स्पष्ट किया है कि जर्जर भवनों के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया राज्य सरकार और रिम्स स्तर पर प्रारंभ कर दी गई है। लेकिन इसमें समय लग सकता है। ऐसे में मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। साथ ही ये भी कहा गया है कि विभागाध्यक्ष खुद निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि जिन कमरों की हालत जर्जर है, उनका उपयोग इलाज या किसी भी कार्य के लिए न किया जाए। हाल ही में राज्य के कई अस्पतालों में भवन गिरने और प्लास्टर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों में डर का माहौल बना है।