पटना : बिहार की राजधानी पटना में एक बड़े मामले में आरजेडी विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव के घर पर पुलिस ने छापेमारी की। यह कार्रवाई उस समय की गई, जब पिंकू यादव पर गंभीर आरोप लगे थे, जिसमें पटना के एम्स हॉस्पिटल के सिक्योरिटी इंचार्ज पर जानलेवा हमले की साजिश रचने का आरोप था। इस छापेमारी में पुलिस ने उनके घर से भारी मात्रा में नकद धन, कई हथियार और एक नोट गिनने की मशीन बरामद की है, जो इस मामले में नए सवाल खड़े कर रहे हैं।
जानलेवा हमले का मामला
यह मामला अगस्त 2024 का है, जब पटना के खगौल थाना क्षेत्र स्थित एम्स हॉस्पिटल के सिक्योरिटी इंचार्ज प्रेमनाथ राय पर हमला हुआ था। उनके द्वारा दानापुर के विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने जांच के बाद पाया कि पिंकू यादव इस हमले में संलिप्त था और उसके खिलाफ वारंट भी जारी किया गया था।
पिंकू यादव पर आरोप है कि उसने एम्स के सिक्योरिटी इंचार्ज पर दबाव बनाने के लिए उन्हें फोन किया था और नौकरी दिलवाने के बदले में पैसे की वसूली भी की थी। बताया गया कि लगभग 35 लोगों से 60-60 हजार रुपये भी वसूले गए थे। इसके बाद, पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कई बार कोशिश की, लेकिन वह फरार हो गया था।
पिंकू यादव के घर छापेमारी
पिंकू यादव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 13 नवंबर को उसके घर पर समर्पण नोटिस चिपकाया था, लेकिन वह फिर भी पुलिस के हाथ नहीं आया। अंततः, पुलिस ने उसकी तलाश में बुधवार रात को कोथवा स्थित उसके ठिकाने पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस को पिंकू यादव के घर से लगभग 11 लाख रुपये नकद, एक नोट गिनने की मशीन, पुराने स्टांप पेपर, जमीन के कागजात और तीन बंदूकें बरामद हुईं।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी बताया कि बरामद किए गए हथियारों का कोई वैध लाइसेंस नहीं था। इसके अलावा, कुछ संदेहास्पद दस्तावेज भी मिले, जिनकी जांच की जा रही है। इस पूरे मामले में दानापुर एएसपी भानु प्रताप सिंह ने कहा, ‘यह छापेमारी एक बड़े मामले की तहकीकात का हिस्सा है, जिसमें हम पिंकू यादव के खिलाफ सभी आरोपों की पुष्टि करने के लिए साक्ष्य जुटा रहे हैं’।
पिंकू यादव की गिरफ्तारी की कोशिशें जारी
पिंकू यादव पर आरोपों के बावजूद, वह पुलिस के हाथ नहीं आया है। बुधवार को पुलिस ने उसके घर पर फिर से समर्पण के लिए नोटिस चिपकाए, लेकिन वह नहीं मिला। अब पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है। एएसपी भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में पुलिस की टीम पिंकू यादव की तलाश में उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
क्या है इस पूरे मामले की गंभीरता
पिंकू यादव के खिलाफ जारी किए गए वारंट और पुलिस की जांच यह संकेत देती है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत विवाद से कहीं अधिक गंभीर हो सकता है। पुलिस को इस मामले में कुछ और अहम जानकारी भी मिल सकती है, क्योंकि नोट गिनने की मशीन और भारी मात्रा में नकद बरामदगी के अलावा जमीन के कागजात और पुराने स्टांप पेपर भी कुछ संदेहजनक हो सकते हैं। इसके अलावा, पिंकू यादव पर संगठित अपराध और धन उगाही के आरोप भी सामने आ रहे हैं, जो इस पूरे मामले को और जटिल बनाते हैं।
पुलिस की रणनीति और आगे की कार्रवाई
दानापुर पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। पुलिस अब उन दस्तावेजों और सबूतों का विश्लेषण कर रही है, जो पिंकू यादव के घर से बरामद हुए हैं। इसके साथ ही, पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि छापेमारी के दौरान बरामद की गई तीन बंदूकों के बारे में विस्तृत जांच की जाएगी, क्योंकि इन हथियारों का लाइसेंस नहीं था, जो एक और गंभीर आरोप है। पुलिस की यह कार्रवाई यह संकेत देती है कि पिंकू यादव की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज हो चुकी हैं और जल्द ही उसे पकड़ने के लिए नए कदम उठाए जा सकते हैं।
इस मामले में पुलिस की छापेमारी और पिंकू यादव की गिरफ्तारी की कोशिशों के बीच यह सवाल उठता है कि क्या यह कार्रवाई सिर्फ एक साधारण मामले तक सीमित रहेगी या इसके और भी गहरे राजनीतिक और आपराधिक संबंध होंगे। फिलहाल पुलिस अपनी जांच पूरी करने में जुटी हुई है और पिंकू यादव की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
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