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करंट लगे लोहे के गेट से चिपके बेटे को बचाने पहुंचे पिता और बहन, दोनों की भी गई जान

बारिश के दौरान खुले तारों ने ली दो जानें, पिता गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती.

by Reeta Rai Sagar
Father and siblings electrocuted due to open wire during rain in Begumpur, Delhi
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नई दिल्ली, रोहिणी (बेगमपुर): उत्तर-पश्चिम दिल्ली के बेगमपुर थाना क्षेत्र में 30-31 जुलाई की रात दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने एक ही परिवार को तबाह कर दिया। बारिश के दौरान घर में फैले खुले बिजली के तारों की चपेट में आकर 26 वर्षीय विवेक और उसकी बहन अंजू (28) की मौत हो गई, जबकि 65 वर्षीय पिता कालीचरण की हालत नाजुक है और उनका इलाज चल रहा है।

हादसा कैसे हुआ?

राजीव नगर, बेगमपुर के बी-209 नंबर मकान में रात करीब 10 बजे यह हादसा हुआ। बारिश के चलते भीगा माहौल और खुले तार मौत की वजह बन गए। विवेक ऊपरी मंजिल पर जा रहा था, तभी उसने बाथरूम के लोहे के गेट को छुआ जो करंट की चपेट में था। बिजली के खुले तार उसी ग्रिल से लिपटे थे। जैसे ही विवेक को करंट लगा, उसके पिता कालीचरण उसे बचाने दौड़े, लेकिन वो भी करंट की चपेट में आ गए। बहन अंजू भी दोनों को बचाने के लिए पहुंची, पर वह भी करंट से झुलस गई।

पड़ोसियों ने दिखाई सूझबूझ

घटना के कुछ मिनट बाद ही कॉलर अभिषेक (जो पीड़ितों का पड़ोसी है) ने बेगमपुर पुलिस थाने में पीसीआर कॉल कर मदद मांगी। उसने कहा, “लाइट कटवा दो, तीन लोग चिपके हुए हैं।” पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक पड़ोसियों ने बिजली काट दी थी और तीनों को अग्रसेन अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने अंजू और विवेक को मृत घोषित कर दिया, जबकि पिता कालीचरण की हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।

विवेक और अंजू कौन थे?

जांच में सामने आया कि अंजू की शादी महज तीन महीने पहले ही हुई थी और वह एक गृहिणी थी। विवेक अविवाहित था और पिता के साथ वेल्डिंग का काम करता था। दोनों अपने माता-पिता के साथ इसी मकान में रहते थे। मकान की स्थिति भी बेहद जर्जर थी—50 गज में बने इस घर की बिजली वायरिंग पूरी तरह से खुली और असुरक्षित थी। बारिश के पानी और नंगे तारों के मेल ने यह हादसा जन्म दिया।

एनडीपीएल और क्राइम टीम ने की जांच

घटना की सूचना मिलते ही एनडीपीएल (North Delhi Power Limited) और क्राइम टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि घर की बिजली वायरिंग न सिर्फ पुरानी थी, बल्कि सुरक्षा मानकों के भी खिलाफ थी। लोहे की ग्रिल में लिपटे तारों से करंट फैल गया और बारिश में भीगे शरीरों ने तुरंत उसे पकड़ लिया।

पुलिस जांच जारी

पुलिस और तकनीकी विशेषज्ञ पूरे घटनाक्रम की जांच में जुटे हैं। फिलहाल माना जा रहा है कि यह हादसा लापरवाह और असुरक्षित वायरिंग के चलते हुआ है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल भेज दिया गया है और पुलिस केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।

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