कानपुर : कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) की महिला कांस्टेबलों ने अपनी सूझबूझ और हिम्मत का परिचय देते हुए एक गर्भवती महिला की सफलतापूर्वक डिलीवरी कराई। यह घटना मंगलवार रात उस समय घटित हुई, जब महिला को ट्रेन यात्रा के दौरान अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और डॉक्टरों के पहुंचने से पहले ही इन कांस्टेबलों ने यूट्यूब वीडियो की मदद से प्रसव करा दिया।
कैसे हुआ यह अद्भुत प्रसव
समस्तीपुर (बिहार) की निवासी गीता कुमारी (23) अपने पति संतोष कुमार के साथ जयपुर से पटना-गुवाहाटी एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थी। ट्रेन में अचानक गीता को प्रसव पीड़ा महसूस होने लगी। ट्रेन दो घंटे की देरी से कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर पहुंची और इस दौरान गीता की स्थिति बिगड़ने लगी। प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर जनरल डिब्बे में सवार गीता की स्थिति गंभीर होती देख आरपीएफ टीम को सूचित किया गया।
आरपीएफ कांस्टेबल सुषमा और रश्मि ने इस मुश्किल घड़ी में बहादुरी से काम लिया। इन कांस्टेबलों के पास कोई मेडिकल प्रशिक्षण नहीं था, लेकिन उन्होंने यूट्यूब वीडियो की मदद से प्रसव करा दिया। उन्होंने आसपास मौजूद यात्रियों की मदद से इस प्रसव प्रक्रिया को सुरक्षित रूप से पूरा किया।
कुछ समय बाद, मधुराज हॉस्पिटल के डॉ. रंजीत सिंह और उनकी टीम मौके पर पहुंची और महिला और बच्चे की स्वास्थ्य जांच की। डॉक्टरों ने दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद गीता कुमारी और उनके नवजात बच्चे को सुरक्षित रूप से डिस्चार्ज कर दिया गया। दोनों की स्थिति अब स्थिर है और वे स्वस्थ हैं।
आरपीएफ महिला कांस्टेबलों की हो रही सराहना
इस पूरी घटना के बाद, आरपीएफ कांस्टेबल सुषमा और रश्मि की बहादुरी और सूझबूझ की हर तरफ सराहना हो रही है। बिना किसी चिकित्सीय प्रशिक्षण के, इन्होंने एक गंभीर आपात स्थिति में अपनी हिम्मत और साहस से गीता कुमारी और उसके बच्चे की जान बचाई। दोनों कांस्टेबलों की यह पहल न केवल आरपीएफ के लिए बल्कि समस्त समाज के लिए एक प्रेरणा बन गई है।
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर यह घटना न केवल महिला कांस्टेबलों की बहादुरी को प्रमाणित करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि कभी-कभी आपातकालीन परिस्थितियों में सामान्य लोग भी असाधारण कार्य कर सकते हैं, अगर उनके पास सही दिशा-निर्देश और सही सोच हो।