RANCHI: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने कहा कि समाज से जाति के आधार पर छुआछूत पूरी तरह समाप्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखे समाज में इसका असर कम हुआ है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी यह दिखाई देता है। इसे खत्म करने के लिए आगामी 15 से 20 वर्षों तक सतत प्रयास की आवश्यकता है।
वह कांके रोड रांची में आयोजित संघ के शताब्दी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ ने बड़े आयोजनों से बचते हुए छोटे-छोटे कार्यक्रमों के जरिए समाज में सुधार का संकल्प लिया है। इसके लिए संघ ने “पंच परिवर्तन” का मार्ग तय किया है, जिसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी को बढ़ावा और नागरिक कर्तव्य शामिल हैं।
संयुक्त परिवार भारतीय संस्कृति की धरोहर
आलोक कुमार ने कहा कि संयुक्त परिवार भारतीय संस्कृति की धरोहर है, लेकिन विदेशी प्रभावों के कारण यह व्यवस्था टूट रही है। इससे समाज में अकेलेपन का भाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार को एकजुट रखना समय की जरूरत है।
पर्यावरण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि अभी से सतर्क नहीं हुए तो भविष्य गंभीर होगा। कोलकाता में 40 साल बाद आई बाढ़ इस बात का संकेत है। स्वदेशी पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी पूरा होगा जब लोग स्वदेशी उत्पाद अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज केवल अधिकारों की बात करता है, जबकि कर्तव्यों की चर्चा नहीं होती। स्वयंसेवकों को पहले अपने जीवन में इन परिवर्तनों को अपनाना होगा और फिर समाज तक ले जाना होगा।