नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन पर अपनी तरफ से स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने इस मुद्दे पर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात की और कुछ गलतफहमियों को भी दूर किया। यहां पर हम जानते हैं कि उन्होंने इस विषय पर क्या कहा और इसके विभिन्न पहलुओं को समझते हैं।
1. अमेरिका से 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया
जयशंकर ने बताया कि अमेरिका ने 104 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया है। यह डिपोर्टेशन प्रक्रिया अवैध प्रवास को रोकने के लिए की जाती है और इसे किसी नई प्रक्रिया के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
- 2. अवैध प्रवास को रोकने पर जोर
विदेश मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यह सिर्फ भारत का ही नहीं, बल्कि सभी देशों का कर्तव्य है कि अगर उनके नागरिक किसी अन्य देश में अवैध रूप से रह रहे हैं तो उन्हें वापस भेजा जाए। इसका उद्देश्य अवैध प्रवास को नियंत्रित करना है।
- डिपोर्टेशन की प्रक्रिया नई नहीं है
जयशंकर ने कहा कि यह प्रक्रिया कोई नई बात नहीं है। अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट करने का सिलसिला कई सालों से जारी है और इसे अचानक नहीं शुरू किया गया है।
- महिला और बच्चों पर कोई पाबंदी नहीं
अमेरिकी इमिग्रेशन एजेंसी, ICE ने भारत को सूचित किया है कि डिपोर्टेशन के दौरान महिलाओं और बच्चों को किसी प्रकार की पाबंदी नहीं लगाई जाती है।
- फ्लाइट में restraints SOP के तहत लगाए जाते हैं
2012 से लागू स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के अनुसार, डिपोर्ट किए जा रहे व्यक्तियों को फ्लाइट में यात्रा करते वक्त restraints (बांधने के उपकरण) लगाए जाते हैं। यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से किया जाता है।
- टॉयलेट ब्रेक के दौरान restraints हटाए जाते हैं
जयशंकर ने बताया कि जब डिपोर्ट किए गए यात्री टॉयलेट के लिए जाते हैं, तो उन्हें बांधने वाले restraints हटा दिए जाते हैं, ताकि वे अपनी आवश्यकताओं को आराम से पूरा कर सकें।
- डिपोर्ट किए गए लोगों ने अनुभव साझा किए
जो भारतीय वापस लौटे हैं, उन्होंने अपने डिपोर्टेशन के दौरान आई परेशानियों और कठिनाइयों के बारे में बात की है। हालांकि, इनकी स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- अमेरिका सरकार से लगातार बातचीत
भारत सरकार इस मुद्दे पर अमेरिकी सरकार से निरंतर बातचीत कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डिपोर्ट किए जा रहे भारतीय नागरिकों के साथ कोई गलत व्यवहार न हो।
- ह्यूमन ट्रैफिकिंग रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत
जयशंकर ने कहा कि जो एजेंट्स अवैध रूप से लोगों को विदेश भेजते हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यह ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए जरूरी है।
- कानूनी तरीके से प्रवास को बढ़ावा देना चाहिए
विदेश मंत्री ने कहा कि सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अवैध प्रवास को रोका जाए और कानूनी रूप से लोगों की विदेश यात्रा को बढ़ावा दिया जाए।
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन पर विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अच्छे रिश्तों की बात की गई थी, फिर मोदी सरकार ने इस तरह की स्थिति कैसे उत्पन्न होने दी? उन्होंने इस तरह के व्यवहार की निंदा की और प्रधानमंत्री से जवाब की मांग की।
साथ ही, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने संसद के मकर द्वार के सामने प्रदर्शन किया, जिसमें विपक्षी सांसदों ने हथकड़ियां पहनकर अपना विरोध जताया।