सेंट्रल डेस्क : Pahalgam Terror Attack 2025 : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार, 23 अप्रैल को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें आतंकवादी हमले को लेकर कई अहम फैसले लिए गए।
SAARC वीजा छूट योजना के तहत आए पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत देश छोड़ने का आदेश
भारत सरकार ने SAARC वीजा छूट योजना (SAARC Visa Exemption Scheme – SVES) के तहत भारत में भ्रमण कर रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। यह निर्णय पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के विरुद्ध भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी जानकारी, हमले के पीछे सीमा पार कनेक्शन की पुष्टि
बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में बताया कि CCS को पहलगाम हमले की विस्तृत जानकारी दी गई है। प्रारंभिक जांच में इस आतंकी हमले के सीमा पार के संपर्क सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया की सफलता और आर्थिक विकास की दिशा में बढ़ते कदमों को बाधित करने का प्रयास था।
क्या है SAARC वीज़ा एग्ज़ेम्प्शन स्कीम
SAARC वीज़ा एग्ज़ेम्प्शन स्कीम (SVES) की शुरुआत 1992 में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के सदस्य देशों के बीच लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाने और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी। इस योजना के तहत 24 विशिष्ट श्रेणियों के नागरिकों को – जिनमें राजनेता, सांसद, पत्रकार, खिलाड़ी, अधिकारी, न्यायाधीश शामिल हैं – वीज़ा की आवश्यकता के बिना विशेष यात्रा स्टिकर के माध्यम से सदस्य देशों में मल्टीपल एंट्री की अनुमति मिलती थी।
SVES के तहत पाकिस्तान को मिली सुविधा अब खत्म
भारत सरकार ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद बड़ा फैसला लेते हुए SVES योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दी गई सभी सुविधाएं तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को इस योजना के तहत भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी और जो लोग पहले से भारत में मौजूद हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
SAARC वीजा स्कीम के समाप्त होने से पाकिस्तान को होंगे ये बड़े नुकसान
- राजनयिक संवाद पर असर
SAARC वीज़ा योजना के अंतर्गत पाकिस्तानी राजनयिकों, सांसदों और अधिकारियों को भारत आने में विशेष सुविधा प्राप्त थी। अब यह रास्ता बंद हो जाने से राजनयिक और उच्च स्तरीय संवाद प्रभावित होगा, जिससे SAARC मंच पर पाकिस्तान की सक्रिय भागीदारी में बाधा आएगी। - व्यापार और व्यावसायिक संबंधों पर प्रभाव
2015 नीति के अनुसार, पाकिस्तान को विशेष प्रतिबंधों के साथ मल्टीपल एंट्री बिजनेस वीज़ा की सुविधा थी, जो अब समाप्त हो गई है। इससे दवा, कपड़ा, कृषि उत्पादों जैसे क्षेत्रों में सीमित रूप से चल रहे क्रॉस-बॉर्डर व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
- मीडिया और सांस्कृतिक मंच पर भागीदारी में बाधा
SAARC वीज़ा छूट के तहत पाकिस्तानी पत्रकारों और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को भारत में रिपोर्टिंग या कार्यक्रमों में भाग लेने की छूट थी। अब फिल्म, संगीत, साहित्य और कला के क्षेत्र में सहयोग ठप हो जाएगा।
- People-to-People Contact कमजोर होगा
भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित, लेकिन संवेदनशील संबंध, जैसे शादी-ब्याह, पारिवारिक मेलजोल और तीर्थ यात्राएं, अब लगभग असंभव हो जाएंगी। इससे सामाजिक स्तर पर गहरा असर पड़ेगा, विशेषकर उन परिवारों पर जिनके सदस्य सीमा पार रहते हैं।
- SAARC में पाकिस्तान की स्थिति कमजोर
यदि अन्य सदस्य देश भी सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान से दूरी बनाते हैं, तो SAARC के मंच पर पाकिस्तान का राजनयिक अलगाव और गहरा हो सकता है। भारत के इस कड़े रुख से उसकी आतंक-समर्थक राष्ट्र की छवि और मजबूत हो सकती है।
भारत सरकार ने यह फैसला क्यों लिया
पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के पाकिस्तानी लिंक की पुष्टि होने के बाद यह निर्णय लिया गया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि जांच में सीमा पार के कनेक्शन मिले हैं और भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।
पाकिस्तान पर बढ़ता अंतरराष्ट्रीय दबाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में BIMSTEC समिट में पाकिस्तानी नेतृत्व के समक्ष अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। यह निर्णय उसी नीति का हिस्सा है, जो कहता है कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों से सामान्य रिश्ते संभव नहीं हैं।
SAARC वीजा छूट योजना क्या है
SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के सदस्य देशों के विशिष्ट नागरिकों को एक विशेष यात्रा परमिट जारी किया जाता है। यह परमिट उन व्यक्तियों को पारंपरिक वीजा प्रक्रिया से छूट देता है, जिससे वे सदस्य देशों में आसानी से यात्रा कर सकते हैं। अब भारत ने इस योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों की सभी छूट रद्द कर दी है।
SAARC वीजा क्या होता है
सार्क वीजा छूट योजना सिर्फ़ यात्रा सुविधा उपकरण से कहीं ज़्यादा है; यह दक्षिण एशियाई देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग और आपसी विश्वास की भावना को दर्शाती है। प्रभावशाली समूहों के लिए यात्रा को आसान बनाकर, यह राजनयिक संबंधों को मज़बूत करता है, आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देता है और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
SAARC के सदस्य देश कौन-कौन से हैं
भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान
SAARC का पूरा नाम क्या है
सार्क का पूरा नाम दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन है, जिसे अंग्रेजी में South Asian Association for Regional Cooperation (SAARC) कहा जाता है. यह दक्षिण एशिया के आठ देशों का एक संगठन है, जो क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
Saarc का क्या मतलब है
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) सार्क 1985 में स्थापित दक्षिण एशिया के देशों का एक आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रीय संगठन है। इसका उद्देश्य अंतर-क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाकर अपने सदस्य देशों में आर्थिक और सामाजिक विकास की प्रक्रिया में तेजी लाना है।