पॉलिटिकल डेस्क : भारतीय जनता पार्टी 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बेहद भव्य रूप देने जा रही है। (Sam Pitroda on Ram Mandir) इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के बार-बार मंदिर जाने पर सवाल उठाया गया है। सैम पित्रोदा ने सवाल किया है कि असली मुद्दा राम मंदिर है या फिर बेरोजगारी व महंगाई का? मुझे किसी धर्म से कोई समस्या नहीं है। कभी-कभी मंदिर जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते।
Sam Pitroda on Ram Mandir: सैम पित्रोदा देश में धर्म-जाति को लेकर चिंतित
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चल रही हलचलों (Sam Pitroda on Ram Mandir) को लेकर कहा है कि देश में धर्म को बहुत ज्यादा अहमियत दी जा रही है और वे इस बात को लेकर चिंतित हैं। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने कहा कि जब पूरा देश राम मंदिर और राम जन्मभूमि पर अटका हुआ है, तो यह ट्रेंड वास्तव में मुझे परेशान करता है।
प्रधानमंत्री पर खड़े कई सवाल
#WATCH | On hopes for Congress & INDIA alliance for upcoming 2024 polls, Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, “I am very hopeful that people of India will respond to the need of the hour for the nation. I am very hopeful that the people of India will think that… pic.twitter.com/e3Z4nvj9hu
— ANI (@ANI) December 26, 2023
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री अपना सारा समय मंदिरों में ही दिखते है। इससे मुझे चिंता होती है। इसके बदले मैं ये चाहूंगा कि वे स्कूल जाएं, पुस्तकालय जाएं, विज्ञान के केंद्र जाएं और बार बार मंदिरों का दौरा न करें। कांग्रेस नेता ने कहा कि, आज देश की राजनीति में राम मंदिर और दीये जलाना राष्ट्रीय मुद्दा है ये मुझे चिंतित करता है।(Sam Pitroda on Ram Mandir)
राममंदिर जरूरी या महंगाई और प्रदूषण
उन्होंने कहा कि अपने धर्म का पालन करना चाहिए, लेकिन धर्म को राजनीति से अलग रखना चाहिए। मैं देख रहा हूं कि आज लोकतंत्र कमजोर हो गया है। एक देश का पीएम 10 साल तक कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करता, ये काफी परेशान करने वाली बात है। 40 फीसदी लोग बीजेपी को वोट देते हैं 60 फीसदी लोग बीजेपी को वोट नहीं देते हैं। देश के प्रधानमंत्री को मंदिरों के अलावा रोजगार, महंगाई, विज्ञान प्रौद्योगिकी के बारे में बात करना होगा। (Sam Pitroda on Ram Mandir) उन्हें ये तय करना होगा कि देश में असली मुद्दे क्या हैं, क्या राम मंदिर या बेरोजगारी? राममंदिर या महंगाई? राम मंदिर या दिल्ली में वायु प्रदूषण?
कौन हैं सैम पित्रोदा
भारतीय संचार क्रांति के पिता कहे जाने वाले सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा (डॉ. सैम पित्रोदा) का जन्म 1942 में ओडिशा के तितलागढ़ में हुआ था। (Sam Pitroda on Ram Mandir) सैम के दादा बढ़ई और लोहार का काम करते थे। उनका परिवार ओडिशा से आकर गुजरात बस गया था और महात्मा गांधी से बहुत ज्यादा प्रभावित था। सैम ने वडोदरा की महाराजा सैय्याजीराव यूनिवर्सिटी से फिजिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर्स किया। इसके बाद वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की पढ़ाई के लिए यूएस चले गए। सैम पित्रोदा के नाम पर तकनीक क्षेत्र के कई पेटेंट भी कराए। सैम ने टेलीकम्युनिकेशन्स और कंप्यूटिंग में शोध कार्य भी किया।
आविष्कारक के रूप में सौ से ज्यादा पेटेंट
साल 1974 में सैम पित्रोदा ने पहली डिजिटल स्विचिंग कंपनियों में से एक वेस्कॉम स्विचिंग को ज्वाइन किया और फिर आविष्कारक बनने की यात्रा शुरू हो गई। 1975 में इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किया, जिसके कारण उन्हें हैंडहेल्ड कंप्यूटिंग के शुरुआती प्रवर्तकों में से एक माना जाता है। अगले लगभग चार सालों में सैम ने 580 डीएसएस स्विच का आविष्कार किया, जिसे 1978 में लांच किया गया। इंजीनियर के रूप में पित्रोदा ने टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में कई पेटेंट हासिल किए और आज उनके नाम करीब सौ पेटेंट हैं। मोबाइल से वित्तीय और गैरवित्तीय लेनदेन की टेक्नोलॉजी का पेटेंट भी उन्हीं के पास है।
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