नई दिल्ली: कॉमेडियन समय रैना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दिव्यांगता और बीमारी पर की गई टिप्पणियों को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने उन्हें ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया है।
समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्वा मखीजा पहले से ही ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो के दौरान पैरेंट्स पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर विवादों में हैं। यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है। इस बीच समय रैना एक और विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं।
क्लिप को लिया रिकॉर्ड पर
‘क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ नाम की संस्था ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। संस्था ने आरोप लगाया कि समय रैना ने दृष्टिबाधित व्यक्ति और एक गंभीर रूप से बीमार दो महीने के बच्चे का मजाक उड़ाया, जिसे इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की जरूरत थी। कोर्ट ने इस क्लिप को रिकॉर्ड पर लेते हुए गंभीर चिंता जताई है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगता और गंभीर बीमारियों पर हास्य बनाने की प्रवृत्ति को लेकर नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस तरह की सामग्री संवेदनशीलता की सीमाओं का उल्लंघन करती है और समाज में नकारात्मक प्रभाव डालती है।
28 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
इस बीच, रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में पासपोर्ट रिलीज करने की याचिका दाखिल की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को सुनवाई करने का निर्णय लिया है।
सोशल मीडिया पर भारी आलोचना
समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया, अपूर्वा मखीजा और आशीष चंचलानी को शो के एक एपिसोड में की गई टिप्पणियों के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। विवाद बढ़ने के बाद समय रैना को यूट्यूब से ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के सभी एपिसोड हटाने पड़े थे। साथ ही, असम और महाराष्ट्र में भी उनके खिलाफ केस दर्ज हैं।
अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई और समय रैना की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई है।